लेकर आईना गोद मे बैठ जाएं अगर
सूरतें हज़ार फिर टूट जाएंगी ।-
सुना है वह फिर से लौटना चाहते है,
सूरत से दिल भर गया या
इश्क मेरे जैसा ना मिला !-
वो "सूरत" पे बयान कहाँ देते हैं...
जो "सीरत" पर ध्यान देते हैं...
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मत कर किसी की सूरत से प्यार
वो तो आज ना कल बदल जाएगा
करके देख किसी की सीरत पे एतबार
तेरा हर पल संवर जाएगा
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Dil ki hasrat zuban pe aane lagi.,
Tumhe dekha aur.,
zindegi muskurane lagi.,
Ye ishq ki inteha thi ya deewangi meri.,
Har soorat me soorat teri nazar aane lagi hai..-
जमाने में गम और भी हैं...
मोहब्बत के सिवा...
बर्बादी के रास्ते और भी हैं....
इस इश्क के सिवा...
कहने को दुनिया में लाखों...
खूबसूरत चीजें है पर...
मुझे कुछ हसीं नहीं लगता...
उनके सूरत के सिवा...-
हमारा चाहने का तरीका थोड़ा अलग है
हम सूरत पर नहीं सीरत पर मरते हैं-
सिर्फ़ "शुरत" बदल जाए तो कोई गम नहीं ऐ "मरहम"
गर "शिरत" बदल गई तो जी पाना मुश्किल है हमारा।
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आईना गवाह हैं..नजर आती हैं दीदार खुद की,
गर मस्जिद बनाएं बैठे हैं "सीरत" को तो, ये आईना भी झुठा हैं...🍃🍃
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लोग तो तेरी सूरत से मोहब्बत करते हैं
मेरे लिए तो बस आवाज़ ही काफी है।💕-