#sunona
सुनो..
तुम फेसबुक या इंस्टाग्राम पर आओ न..
लाखों फॉलो करेंगे तुम्हें..मैं भी मिलूंगी वहीं..
सोचता हूँ..चला गया तो..गाँव का बूढ़ा बरगद..
अनफ्रैंड न कर दे मुझे..!!-
क्लास रूम की खिड़की से
छत की मुंडेर से
पर्दे की ओट से
उसे छुप छुप के देखा था
बच्चों सा खिलखिलाते
बड़ों पे खिसियाते
बेवज़ह मुंह बनाते
उसे छुप छुप के देखा था
खुशियों सा जगमगाते
फूलों सा मुस्कुराते
ज़िंदगी से बतियाते
उसे छुप छुप के देखा था..-
वो जो आप की ..
राख ली थी ना , मैंने श्मशान से ..
आप के जाने के बाद ..
कागज़ की पर्ची में भर रखी है ..
कभी कभी उसे खोल देती हूँ ..
दुआएँ रोज़ साथ रहती है ..।-
वो जो तुमने..
तावीज़ बाँधा था ना, मेरी बाँह में..
तुम्हारे जाने के बाद..
तुलसी की क्यारी में दबा आया हूँ..
अम्मा रोज़ जल चढ़ाती है..
दुआएँ रोज़ मुस्कराती हैं..।।-
सुनो ना,
तुम्हारे बिना रिश्ते में तो बंधेंगे, मोहब्बत नहीं करेंगे,
हां हाथ तो थामना होगा, अपना दिल नहीं लगाएंगे,
जिस्म और जान नहीं जानते, रूह हवाले नहीं करेंगे,
सपने संजोना दूर की बात है, हम खुद को ही भुल जाएंगे।-
#sunona
वो जो नर्म मुलायम रेशमी सतह पर खुरदुरा सा है वो मैं हूँ..
वो जो मुकम्मल होने की चाह में अधूरा सा है वो मैं हूँ..
वो जो सब कुछ कह देने के बाद भी अनकहा सा है वो मैं हूँ..
वो जो हासिल होने की राह में ज़रा सा चूक जाए वो मैं हूँ..
एक अधूरी कहानी का पूरा किस्सा..वो मैं हूँ..!!-
बेटी तो बेटी होती है..
कोख से किसी के भी जन्मे..
अदिति आकृति सुकृति शक्ति..
रचना रागिनी माधुरी भक्ति..
नाम चाहे कुछ भी रख लो..
पराए को बहू और..
अपनी को बेटी कहते हो..
पर इस नवरात्रि में एक प्रण ले लो..
नौ दुर्गा की नौ स्वरूपा है बेटी..
हर घर की मान-सम्मान है बेटी..
अपनी बहू भी अपनी ही है बेटी..
बेटी..बेटी..हम सबकी बेटी..-
सुनो ना जाना
दर्द तो बहुत था मेरे सीने में, पर उम्मीदें कभी कम नहीं हुई
तुम बिन मरना बहुत आसान था,
पर तुझ संग जीने की तमन्ना कभी कम नहीं हुई
[Read in caption]-
नजर लगाआे न किसी नजर में रहाे
भला इसी में है कुछ दिन घर में रहाे
लाैटेंगी राैनक-ए-बाजार भी फिर से
अभी तकाजा ये है अपने घर में रहाे
वबा जाे ये अालम-ए-कायनात पे है
दवा बस इसकी यही कि घर में रहाे-