क़िताब में रखे वो सूखे गुलाब के महकने जैसा है,
सीने में उठता तेरा ये एहसास गले लगाने जैसा है।-
Mohhabbt Ko time pass samjhne wali ye generation kya samjhegi ibadat ishq ki
Asli mohhabbt k alsafe toh aaj bhi kitabo me sukhe hue gulab bayan krte hai-
किताबों में कैद हो के ये कलियां
दम तोड़ के भी अपने खुश्बू से
अपने होने का एहसास जता रही,
अपने सीने में बिखरे गमों को
समेट हम भी एक यादों का महल
सजा रहे...-
Request,unfriend,
Block
ये सब तो
fashion है
मुरझाए फूल किताबों
में मिलना बड़ी बात है...-
ये तेरे इश्क़ की चाहत है कैसी
आज भी कम न हुई खुशबू
किताबों के पन्नो के बीच रखे उस सूखे गुलाब की.!!-
अब के बिछड़े तो शायद ख्यालों में मिलें...
जैसे सूखे हुए गुलाब किताबों में मिलें...-
Na mehbub na kuch aur banna chahte hain
Hum tumhare kitab wo sukhe gulab banna chahte hai
Taki salo baad b hum wahi mile jahan aap hume chod gaye hai✍️✍️ priya-
अरे अब उन सूखीं गुलाबों का क्याँ करना, जब गीर ही गया हु तुम्हारीं नजरीयाँ मे,
फेक आओ उन्हे भी किसी बहतीं हुई दरीयाँ मे...!!-
किताबों में रखे गुलाबों का रंग भले फीका हो जाये
पर उनसे जुड़े अहसास हमेशा ग़ुलाबी रहते हैं।-
अपने ख्यालों से भरा
एक लिफाफ दे दो
तस्वीरें तुम रख लो,
हमें वो सारे ख्वाब दे दो-