गुज़र जाऊँगा हद से, दीदार को तुम्हारे...
बस यूँ ही बरकरार रखना अपने नख़रे...!-
करने दो नख़रे मेरे चाँद को मुझसे,
जितने नख़रे करेगी वो, उतना प्यार बढ़ेगा मेरा....!-
हटा दो ये घूंघट ज़रा, अपने चेहरे से,
मुझे तो दीदार करने दो मेरे चाँद का खुले आँखों से-
Jaari rkho tumhaari ye bekarari,
Jitna tum trsoge, utna pyaar bdhega mera..!!!
😂😂😂-
जबसे दस्तक़ दिये हो तुम मेरी ज़िंदगी में,
मेरी ज़िंदगी अब गुलज़ार सी लगती है।
बुनती हूं कुछ सुंदर से ख़्वाब तुम्हारे लिए,
और तुझ संग उसे फिर साझा भी करती हूं।
माना कि हक़ीक़त में कुछ दिक्कतें सी है,
उन दिक्कतों को भी तुझ संग बांटा करती हूं।
ले चलो तुम मुझे इस दुनिया से कहीं दूर,
अपने मन ही मन बस ये मैं सोचा करती हूं।
बिताना चाहती हूं तुझ संग ज़िंदगी अपनी,
सुहागन बन तेरी बांहों में रहना चाहती हूं।-
Mere nakhre kabhi kam na honge,
Deedar k liye tang bohot krenge...!!
😂😂😂-
Karwa chauth ki raat saari suhagan chalan se chand dekhti hai,
Or ek main hu Jo ghughat se apne saajan ko dekhti hu...
😜😉
- Nisha.s.Kamat.💗
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Bdi pyaari lgti h..tumhaari ye bekaraari,
Tum apne chaand ko dekhna chahte ho,
Pr ye chaand h...bdi nakhrewaali...!!
😂😂😂-
अजनबी था कभी जो आज जान से प्यारा हो गया
हर जन्म में बनूं तेरी सुहागन जन्मों का साथ हमारा हो गया-
मेहंदी भरा हाथ,
पहली मुलाकात।
बिन साज श्रृंगार,
सुर्ख हुए रुख्सार।
मिलने को आतुर मन,
कुछ शर्मोहया, कुछ बाँकपन।
सिमटी सी काया,
शर्म का पहरा, बड़ा छाया।
लफ्ज अटक रहे,
मुस्कान से बहक रहे।
नाजुक सा पल,
तुम हम दोनों हुए विकल ।
अंशु
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