तू चाहती है जिसे उसे खबर तक नहीं
तू मशहूर है जिसकी मोहोब्बत मे
उसे कदर तक नहीं.....
तू हार गयी हर एक रिश्ता
तेरे पास जीने की वजह तक नहीं
तू अश्कों को रुख्सत कर रही है नजरों से
दुनिया मे इसकी कोई कीमत नहीं
अब हद हो चली है
तेरे पास जीने की वजह क्या बची है
तू दुआए- मुक़्क़मल मे मौत मांग रही है....
खुदा के दर पे भी तेरे नाम का कफ़न-ऐ सुकून तक नहीं....
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