तू रोती है, पर चाहती सहारा नहीं
मेरा कांधा, तेरे सर को गवारा नहीं
तेरी हंसी देखी नहीं कई दिनों से
या यूँ कहूँ तूने खुद को सँवारा नहीं
बताती क्यूँ नहीं राज़ अपने दिल के
क्या दुख सिर्फ तेरा है, हमारा नहीं
आँसूओं का जाम पीता एक घूँट में
पर तूने कभी 'अमन' पुकारा नहीं
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