तौल के नाप की फ़िक्र थी हमें,
उन्होंने पूरा तराजू बदल लिया।-
Tushar Gautam
1.4k Followers · 433 Following
Book Publisher & Author
CEO: अभिव्यक्ति साहित्य | Book Publishing
App link is available
My Au... read more
CEO: अभिव्यक्ति साहित्य | Book Publishing
App link is available
My Au... read more
Joined 20 February 2018
13 OCT 2022 AT 13:48
तुम कुछ भी बोलो, मैं कुछ भी बोल दूं
बेफिक्री बेबाक सा, हर राज यूं खोल दूं
लांघकर दर्द की हर हद को यूं साथ तेरे
ज़ख्मों को तेरे साथ के, तराजू में तौल लूं
-
1 AUG 2022 AT 17:53
इंसां के, दौ नहीं, चार कंधे होने चाहिए,
आसां नहीं है, एक लाश को ढोए जाना।-
16 JUL 2022 AT 9:54
प्रेम, प्रलाप, दुख, प्रसन्नता, क्रोध, वासना, प्रतीक्षा, घृणा, ईर्ष्या का
संगम है वियोग हमारा।-
4 JUL 2022 AT 13:20
Velvet walls,
silk window,
scent of sandals
and the door of flowers.
Something like this
will be our abode.-
2 JUL 2022 AT 0:12
क्या मुझे भी हक है खुश होने का?
मुझे भी हक है सपने पिरोने का?
मुझे भी तो हंसना है, साथ खेलना है,
छोर पर बैठ नाव के, पानी पर तैरना है।-