महंगे शौक नहीं
महंगी सोच रखो ..-
जिंदगी में कितने ही बड़े शौक पालो लेकिन
श्मशान में जगह उतनी मिलेगी जितनी दूसरों को ....-
यूं तो लिखने का कोई शौक न था
पर तुम तक पहुंचने का कोई जरिया भी न था-
तमाम गलतियां की बेहतर है ऐ दिल याद कर रहा है
उसके दिल में बस कर हर तरह आजाद कर रहा है
शायरी का शौक ऐसा लगा मेरे लहजे को क्या बताएं
धीरे धीरे ही सही पर हर रोज मुझे बर्बाद कर रहा है-
सुना है शौक नहीं है तुम्हे मोहब्बत का
मगर यकीन मानो,
बर्बाद तुम कमाल का करते हो.!!-
जिन्दगी के रंग मंच पर किरदार एक झलक सा हूं
किसी की जिंदगी में शायद एक प्यारा फलक सा हूं
जितनों को देखा सब को खुद से कुछ अलग ही पाया
शायद मैं सब के बीच में कुछ अलग थलग सा हूं-
जिद्द हमेशा अपनी जिंदगी के शौक के
लिए नहीं बल्कि अपने सपनों के लिए करो-
अब जीने का शौक ही
कहां बचा है यारा
अब तो लगता है
मौत का दामन ही हमे प्यारा!
ये नसीबा ही अजीब खेल
खेलता गया हमसे,
वर्ना दिल भी धड़कता था
और दिमाग भी चलता था हमारा।-
शौक ग़र लिखने का है...
तो ख़्याल क्यूं तलाशते हो?
लिखना ग़र खुदको है...
तो ज़मीं क्यूं तलाशते हो?
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