शीशे मे सूरत देख कर जब आप आईने बदलते है,
आईना भी देखता है की आप कितने चेहरे बदलते है
आप हर दिन सोचते हो की बदल देंगे मुझको कभी,
और हम आपकी इसी सोच को हर रोज बदलते है
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Har ek shaqs toota mila is jahaan
mein , Aur mujhe lgta tha ki bus
mujhe hi sheeshe ka banaya hai .-
मोती हो या शीशा ,मेरे घर में सब एक दिन टूट गया.... जब कहा उसने दूर होने को... मेरा दिल मुझी -से रूठ गया और देखा जब उसको मैने आखिरी दफा..,मेरे अश्क का प्याला टूट गया
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"دیوار سے لگے شیشے اور
دل سے جڑے رشتے ہمیشہ غفلت سے
ہی ٹوٹتے💔 ہیں"-
Dekhi darar aaj
maine aaine me!
Pata nahi sheesha tuta tha
Ya main!-
Sheeshe mei khudko nai tumko khojte hai,
Chehra nai, tumhare dedaar ko dhundte hai,
Lafz nai beshaq, par sheeshe bhi bahut kuch bolte hai.-
मैं शीशे को शीशा कहूं या ना कहूं
मैनें इसे बहुतों के चेहरों की हवाइयाँ उड़ाते देखा है-
रोया बहुत वो शीशे का ख़्वाब टुटने से पहले
जब दर - ए -हक़ीक़त ने उसको पत्थर मारे।।-
टूटा हुआ शीशा है, कब तक खुद को संभाले दीवारों से चिपका रहेगा,
जरा सी आएगी जो हवा,तो जमीं पे बिखरा रहेगा...-