Balram Saini   (Balram)
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Joined 5 January 2022


Joined 5 January 2022
5 JUN 2023 AT 17:26

चार दिन की जिंदगानी, कट रहे हैं दिन_
दो बीते तेरे साथ में, दो कटे तेरे बिन__!

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20 MAR 2022 AT 22:48

वो कहती हैं, एक बार फिर साथ आते हैं...
मैंने कहा- कहा मिलते हैं रास्ते, जो पीछे छूट जाते हैं
कहने लगी- कहानी को दोबारा लिख जायेगा, अधूरे ख़्वाबों को पूरा किया जायेगा..!!
मैंने कहा- मैं तेरी कहानी का हिस्सा नहीं बनना चाहता, तेरे ख्वाबों से अब नहीं जुड़ना चाहता..!

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18 MAR 2022 AT 12:46

सिर्फ़ दूरी का मलाल हैं...
इश्क़ का जो, रंग मिले बस वंही गुलाल हैं..!!

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13 MAR 2022 AT 21:28

नींद से शिकवा कैसा?... मेरे दोस्त..!
आखिर किसी की याद में जागना भी तो इश्क़ हैं..!!

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13 MAR 2022 AT 8:31

असली मोहब्बत तो सावलें रंग से ही हैं मुझे..
गोरे तो आज़ादी से पहले भी बेवफ़ा थे..!!

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9 MAR 2022 AT 17:20

उसके इश्क़ के जुर्म का कोई सबूत नहीं मेरे पास....
हाँ, उसकी कातिल निगाहों में मेरी तस्वीर जरूर हैं..!

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9 MAR 2022 AT 10:36

मैंने परखा हैं, अपनी बदकिस्मती को....
मैं जिसे अपना कह दूँ, फिर वो मेरा नहीं रहता

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8 MAR 2022 AT 11:55

सब्र नहीं अब सिर्फ़ मुलाकात चाहता हूँ...
अब तेरा दीदार नहीं बस साथ चाहता हूँ..!

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7 MAR 2022 AT 17:01

मोहब्बत थी इसीलिए जाने दिया.....
जिद होती तो बर्बाद कर देते...!

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6 MAR 2022 AT 11:14

मन में रहमत, दिल में दरियादिली होना जरूरी हैं...
सजदों में पड़े रहने से जन्नत नसीब नहीं होती.. दोस्त..!

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