यूं तो शायरी लिखता नहीं मैं अक्सर
पर तुझे देख के शायराना हो जाता हूं__
इश्क हुआ था तुझसे इक अरसे पहले
मैं आज भी तेरा दिवाना हो जाता हूं__-
तुम बस द़र्द देते जाओ
मैं भी तो ज़ानूं ,
ज़ानेमन कहां तक हद़-ए-ज़ान है तुम्हारी...
Manju mandan💝💝-
हमारी नामौजूदगी से अब उन्हें फ़र्क नहीं पड़ता,
जिनकी शामों की रौनक़ हमसे हुआ करती थी।।
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❤️❤️❤️❤️
एक मुसाफिर हूं मैं__मेरा इंतज़ार मत करना ।
दिल तोड़ दूंगी तुम्हारा__मुझसे प्यार मत करना ।।
और क्या बात करते हो__ मेरी निगाहों की तुम ।
अश्कों से बना फरेब है वहां__उन लफ्जों पे कभी ऐतबार मत करना ।।
चिराग दूर रखो मुझसे__अब ये अंधेरा ही तो है सहारा मेरा ।
मुझे तन्हा ही रहने दो__भीड़ में हो नहीं सकता गुज़ारा मेरा ।।
और बंद करो ये नाकाम कोशिशें__ मेरी दुनिया में आने की।
गहराइयों से गहरा समुंदर हूं मैं__मगर धुआं में खो गया है किनारा मेरा ।।-
हर मोड़ पे बेबसी ना होती गर तुजपे मेरा हक होता,
हर राह मुश्किल ना होती गर जुदाई का डर ना होता.
लोगो को पसंद आ रहा है हमारा शायराना मिजाज,
हम भी यूं मशहूर ना होते गर दिल मे इतना दर्द ना होता.
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मेरी यादों❤️ की गलियों में जो तुम हर रोज आते हो ।
कभी घर भी चले आना,,,,,, यही फरियाद करते हैं ।।
तुम्हे हम भूल जाएंगे__ये वादा था किया तुमसे ।
मगर भूलने की कोशिश में,,,,,तुम्हे हम याद करते हैं ।।
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क्या खता है उनकी जो आशिक़ी कर बैठे??
उनकी भी कोई खता नहीं जो समझ ना पाए।।-
लिखनें की..
कोई उम्र नहीं होती,
बेतकल्लुफ़ लिखना..
सुबह-ओ-शाम लिखना..
उनको याद करके,
ज़ार ज़ार लिखना..!!
लिखना ही तो हैं..
कभी उनकी मुस्कान को..
कभी उनकी ख़ामोशियों को..!!
लिखतें रहिये..
क्यूँकि शायराना ज़िंदग़ी में..
हर पल को लिखना ज़रूरी हैं..
महसूस करना ज़रूरी हैं..!!
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