किसी लेखक के लिए सुंदर विचार, खुला मष्तिष्क
और संवेदनशील व्यक्तित्व का होना आवश्यक है।
जैसे हम किसी पौधे को सींचने के लिए उसमें जल,
मिट्टी और खाद की मात्रा को आवश्यक समझते है,
ठीक उसी प्रकार लेखक रूपी पौधे को अंकुरित होने
एवं बढ़ते रहने के लिए एक पाठक से सराहना रूपी
जल, खाद रूपी प्रतिक्रिया एवं मिट्टी रूपी आत्मविश्वास
देने की भी आवश्यकता होती है, जो उनकी जड़ों
(लेखन को आधार) प्रदान करे।
एक पाठक, किसी लेखक के प्रति इतना सम्मान तो
रख ही सकता है?
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