Hum Toh Itne Shareef Hai...
Hum gaaliya nhii dete
Sidha thappad dete hai 😋-
ज़रा सराबोर थे हम , शराफ़त-ए-तीशनगी में जनाब-ए- आली ।
वरना उम्र ढल जाती , कीश्त अदाई में तुम्हारी ।
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हां देखे है हमने,
दिन के उजाले में ,
शराफत का मुखौटा पहनने वाले लोग.
रात के अंधेरे में,
कपडे बाद में उतारते है,
शराफत का मुखौटा पहले.-
Teacher - question puchati hai
Student - answer aata hai ma'am
Aaaaaaannn
:
:
Vo answer yaad hai bs
Bol hi rha hu /rhi hu
🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔
Ma'am question kya tha ?-
शरीफ हैं तभी तो फकीर हैं!
अगर बदमाश होते तो,आज हम भी बादशाह होते!-
कलयुग है साहब!!
यहाँ बदमाश ही बादशाह होते हैं,शरीफ तो फकीर ही रह जाते हैं।-
जब तक बदमाश थे तो कोई उँगली नहीं उठी,और आज शरीफ क्या हुए लोग तो हमपर हाथ भी उठाने लगे!
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गर खुली न ये आँखें सहर में तो क्या होगा
मदद कर ऐ ख़ुदा! हुए गुमशुदा तो क्या होगा
भूले हैं, भटके हैं, यूँ ही जिये जा रहे हैं
वापसी से पहले हो गए विदा तो क्या होगा
उलझे हैं नफ़्स में ऐसे कि महँगे लिबास हैं
मुफ़्लिसों की लगी बद्दुआ तो क्या होगा
फानी सी रंगीन दुनिया पे फिदा हो चले हैं
साँसें भी हो गई मौत पे फिदा तो क्या होगा
गर खुली न ये आँखें सहर में तो क्या होगा
मदद कर ऐ ख़ुदा! हुए गुमशुदा तो क्या होगा-