भली सिखाई है पूर्वजों ने निभानी रिश्तेदारी,
सच भी है, हर क़दम पर कंस, शकुनि जो हैं भारी।-
Dirty Politics!
Damn you bitch,
Who do you think you’re?
“Shakuni” I’d say
Haha, Go see Mahabharat first!
You may enjoy getting your ways
Untruthfully & unethically
But let me tell you oh sweetie
Shakuni got killed terribly,
So will your pride & essence
Cuz you’re unaware of the
Stubbornness of an honest wild cat!
Who’ll definitely prick you in pieces,
Before you even know Darling!
So, GET LOST!-
Lock down में इतना Ludo खेल लिया
अब बस एक बार
शकुनि के साथ और खेल लूँ
तो उसका राज्य गांधार जीत लूँ
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पता तो मुझे भी था, धरती को सिंचित करना है!!
इतने लहू से बुझेगी प्यास, इसका कभी बोध नहीं!!
दोषी सब नें कह दिया, बुरा मुझे बता दिया!!
सोचो मेरा क्या पक्ष रहा, दिल पत्थर कितना किया होगा !!
भाई भाई टकरा ना जाएं, फैसले भी हो जाएं!!
इस्पे भी नियत पे शक कर लिया, धूर्त तक कह दिया!!
क्रीड़ा को क्यों दोष देतें हो, खेल में उतरे अपने मन से थे!!
पक्षपात का जो आरोप लगा, पता ना था तुम्हें क्या होता खेल में!!
न्याय और इज़्ज़त की गर बात थी, बाकी क्यों मौन रहे!!
चाहा तो ये था, शीश उतर जाएं तन से, जहाँ दरबार लगा था!!
हो जाए फैसला, सब की उपस्थिति में!!
तुमनें वो भी छोड़ दिया, इसमें मेरी क्या गलती थी!!
ईश्वर की मार थी, उसका भी तुमनें मज़ाक उड़ा लिया!!
फैसले की हर कोशिश को तुमनें ठुकरा दिया!!
जीवन का क्या है, क्षत्रिय की तरह प्राण त्यागे हैँ!!
धर्मराज के दरबार में, करवा लूँगा अपना फैसला!!
उनको भी मालूम था, धरती को सिंचित करना था!!
इतने लहू से बुझेगी प्यास, इसका कभी बोध नहीं!!
#शकुनि
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Mahabharata dekhkr ye feel aayi
Ki shakuni har ghar me hai bhai ...-
हद हुई थी शकुनि पर,
कुरुवंश के अत्याचारों से,
कांप उठा था हृदय उसका,
उन दर्द भरी चित्कारों से,
तोड़ पैर, छोड़ प्रेम,
नाता जोड़ा था पासों से,
प्रतिशोध लिया वंश का अपने,
अपनी बुद्धि और झांसों से।-
दुर्योधन की भीड़ में अर्जुन कहाँ से लाऊँ?
शकुनि ही शकुनि फ़ैले हैं चहुँ ओर
बोलो, युधिष्ठिर कैसे बन जाऊँ?
न प्रेम का मोल यहाँ,
न पीड़ा की परख किसी को।
सामर्थ्यहीन प्रजा से क्या उम्मीद लगाऊं?
अधर्म की अग्नि से जलने को है
ये वारणाव्रत।
बोलो प्रिये, एक अकेली मैं
कैसे इसे इंद्रप्रस्थ बनाऊँ?-
अर्जुन और दुर्योधन दोनों बुरे नहीं थे
फ़र्क सिर्फ़ इतना था ,
कि एक का सलाहकार कृष्ण
और एक का शकुनि था।-