हुस्न वालों शबाब दे दीजे,
ख़ूबसूरत ग़ुलाब दे दीजे।
इश्क का इक सवाल पूछा था,
अब तो हम को जवाब दे दीजे।
उन को बदलेंगे हम हक़ीक़त में,
अपने सारे ही ख़्वाब दे दीजे।
होंगी दामन में अब फ़क़त ख़ुशियाँ,
हम को दर्द-ओ-अज़ाब दे दीजे।
हाल मुझ सा है आप का भी क्या,
धड़कनों का हिसाब दे दीजे।
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