❤️ ख्यालों की कश्ती पे सवार ,
तेरी गलियों से गुजरती,, तेरा ही बस नाम कहती हूं,,,,
सुर्खाब के पर सी खूबसूरती बिखेरे तेरे लबों की एक मुस्कान ढूंढती हूं,,,
पलकें बिछाए एक आहट को तेरी,, चौखट पे सुबहो शाम करती हूं,,,
ए सनम! शामिल कर ले अपने साए में मुझे,, अपनी रूह को भी आज तेरे नाम करती हूं।।।। ❤️
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