कुछ आजादी की चाहत में
कुछ लाचारी की आदत में,
कुछ राहत में खामोशी से
कुछ हसरत में बेखौफ़ी से, हम झूल जाते हैं मतलब पाकर हो रिश्ते भी धूल जाते हैं,
और इक दिन हम भूल जाते हैं-
दुश्मन तो वैसे ही बदनाम हैं
सबसे ज्यादा दुःख तो अपने ही देते हैं
जब रिश्ते पैसे की डोर पर टिके हो तो
अपने ही टांग खींच लेते हैं!!-
मतलब की यह दुनिया
मतलबी सब रिश्ते है
ना जाने क्यूं इस मतलब कि चक्की में
अपने ही अपनों को पिसते हैं-
जिसको जितनी चाह थी चाह गया,
जिसकी जहां तक राह थी चला गया,,
सफर में जो संग है, सफर तक रहा,
नज़र ने जितना देखा, वही तक सोचा,,
बात अपनी उठी तो, चेहरा मासूम सा था,
बात दूसरों की हुई तो सवालिया निशान था,,
कौन उतरता है मन की गहराई तक पलाश!!!
______________ये दौर-ऐ-सफर ज़िन्दगी
निभाती है तो सिर्फ किसी मतलब से रिश्ता....-
रिस्तों को संभालने केलिए झुकना जरूरी है । लेकिन हर बार झुकना मजबूरी है। मजबूरी की रिस्तों में बंधना ना जरूरी ना मजबूरी बल्कि दूर जान ही सबसे समझदारी है।
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Relationship :
Kisi bhi relation ko nibhana ni padta, agar pyaar h usmein toh
Kisi bhi relation ko nibhana ni padta, agar pyaar h usmein toh
Kyuky jo nibhana pade vo majburi ban jata h
Majburi mein pyaar kiya nahi jata h
Aur jahaan har ache bure waqt aapke saath sb ho vo pyaar kehlata h
Pr yahaan samay kiske pas h rishton k liye
Kyuky yahaan toh sirf mtlb dekha jata h
Aaj k rishte aise nahi..
Jahaan koi ruthe toh usse manaya jaye
Yahaan toh rishte aise h jahaan mtlb khtm toh log khete h WHO ARE YOU.. KYA HUM AAPKO JANTE HAIN...
Aise logo ka apni zindagi se chale Jane ka koi gum nahi
Life mein khaas log 2 -3 ho toh bhi kuch kum nahi !!!
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हमने तो बस इतना जाना हैं,
हर कोई यहां मतलब का दीवाना हैं।
बिना मतलब कौन किसको पहचाना हैं।
रिश्ते भी यहां बनते है मतलब ये छांव में,
और हम यहां समझ रहे थे हम कितने खास थे।-
Sadgi itna bhi nahin hona chahiye ki,
Koi aapka istemal karta rahe aur aapko pata bhi na chale...🙂-
जब से दिलों में दिमाग सा बसने लगा है तब से रिश्तों पर विश्वास सा उठने लगा है...
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कब साथ निभाते है लोग ,
आँसुओ की तरह बदल जाते है लोग ।
वो जमाना और था लोग रोते थे गैरो के लिए,
आज तो अपनो को रूला कर मुस्कुराते है लोग।
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