रिश्तेदार
दो तरीके के होते हैं । एक साधारण और एक असाधारण
साधारण जो हरबक्त आपके साथ होते हैं, चाहे आप खुश हो या दुःखी हो ।
और जो असाधारण होते हैं , वो अपनी जरूरतें के हिसाब से आपसे रिस्ता रखते हैं या फिर अपनी काम निकालना तक , वैसे कुछ ऐसे भी होते हैं जो आप कुछ भी करो आपमे बुराई ढूंढ हीं लेते हैं नहींतो आपकी जिम्मेदारी बोलके आपसे पीछा छुड़ा लेते हैं।-
ज्यादा तर लोग आपसे नहीं , आपकी स्तिति / कामयाबी / औकात से हात मिलाते हैं या फिर मिलना चाहते हैं ।।
-
दुःख का प्रत्येक क्षण एक युग का समान लगता है ।
लेकिन सुख में दिन बीतजाने पर भी कुछ क्षण जेसा लगता है ।।-
एक ख्वाब
जैसे परिंदे आसमान में एक साथ होते हैं ।
बैसे इंसान भी एक साथ होते ।।
लेकिन हर बक्त कुछ ना कुछ चीजों को लेके अलग होही जाते हैं ।।-
Jindegi bhar to apni Jindegi saath nahin deta...
Dusron se kya ummid rakhna...-
अपने बो नहीं जो तस्बीर मैं साथ हो ।
अपने बो हैं जो हर तकलीफ मैं साथ हो ।।-
नीचे गिरके तो देखो, कोई नहीं आएगा उठाने,,
लेकिन ऊपर उड़कर तो देखो इकठ्ठा होजाएंगे तुम्हे नीचे गिराने ।।-
लिखना तो बहत कुछ था हजूर ,
लेकिन कलाइयों मैं इतना दम कहाँ था कि, जिम्मेदारी के साथ साथ कलम भी उठा सके ।-
रिश्ते तो हर कोई बनालेता है हर किसीसे ,लेकिन रिश्ते बनाने से कुछ नहीं होता....
रिश्ते निभाने भी चाहिए जो हरकिसीकी बस मैं नहीं होता ।।-