इनको अपना ही अंश जानो
हर श्वास के साथ
'तुम'
इनके भीतर प्रवेश करते हो
और ये तुम्हारे भीतर...
इनकी मृत्यु तुम्हारी मृत्यु है।-
आज प्रकृति का भी कहर देखा है ।।
अपनो को अपनो से अलग होते देखा है।।
इंसान को घर में कैद होते देखा है।।
और पशु पक्षी को आज़ाद घूमता देखा है।
खेल रहे थे इंसान प्रकृति के साथ ।।
आज प्रकृति को इंसान के साथ खेलते देखा है।
((We should not forget that without nature, we are nothing. Today, nature is also showing its terrible form to the whole world.))🙂😑😑-
Dear mankind,
These are not mere
rain drops
It's Climate change,
A perfect example of
action and reaction pair,
where intersections involved are
selflessness and selfishness.
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इंसान तो क्या पेड़ भी विश्वास करके रोता है
आखिर वह भी तो अपने ही अंग से बनी
कुल्हाड़ी से अपनी जान खोता है-
पानी की एक-एक बूंद अनमोल है ,
समय रहते समझ लो पानी का क्या मोल है ।
पानी को यूंही तुम बर्बाद ना करो ,
जरूरत हो जितनी उतना ही प्रयोग करो।
यही तो वो अनमोल जलधारा है ,
जिससे जुड़े हम सभी के प्राण हैं-
Many people do not realize that if we destroy nature, nature will destroy us.
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मिट्टी की सदाओं से पूछो
डूबी फ़िज़ाओं से पूछो
ये 'ज़हर' होता है क्या ?
दिल्ली की हवाओं से पूछो-
सृष्टि के रचयिता ने मनुष्य को उज्जवल
प्रकाश,स्वच्छ वायु और निर्मल जल प्रदान किया, पर्यावरण रूपी अमूल्य भेंट का हमें दान दिया। किंतु मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए इन सब को दूषित किया,
वायुमंडल का संतुलन डगमगा गया जीव जंतु, वनस्पति सब पर बुरा प्रभाव पड़ा।
मनुष्य का पर्यावरण पर आश्रित है जीवन, पर्यावरण के पांच तत्व: (वायु,जल,पृथ्वी,आकाश, अग्नि) से बना है मनुष्य का तन।
पर्यावरण को पहुंचाई गई हानि पडती है भारी,
इसलिए आती है कोरोना जैसी महामारी।-