||••••∆सपना∆•••••||
कलाम जी कह गए,
निंद्रा में देखा वो सपना कैसा ,
सपना वहीं जिसे खुली आंखों से देखा ,
सपना वही जो सोने ना देता |
बीज बो दो सपने का ,
तभी तो विशाल वृक्ष का रूप लेगा |
देखना पड़ेगा सपना ,
तभी तो सपना साकार होगा|
जड़े मजबूत कर दे,
जड़ों को मेहनत ,आत्मविश्वास से भर दे |
सपनों को सही राह पर डाल दें,
तभी तो वृक्ष मीठे स्वादिष्ट फल देंगे |
तूफान आएंगे बहुत ,
कोशिश करेंगे उजाड़ फेंकने की |
हर बार जड़े मजबूत कर लेना,
अपने सपनों को हिलने ना देना|
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