Chubhti thi teri batamiziya...
Chubhti thi teri ski nigahe....
Chubhte the tere tarike........
Khush to tere sath bhi nhi thi...
Pehle tujhe badalne ko roti thi..
Ab tere badal Jane pr.................-
बिना मरे ही जन्नत है दिखाती बेचारी, हुई वही बदनाम,
शहर के हर 'मयखाने' वालों को 'राज' मेरा सलाम,
जो, कभी चखे भी नहीं, इस आब ए जन्नत को,
वही काफ़िर, करार दिए इस दवा को हराम..
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एक साल बाद जब उस से बात हुई तो उसने कहा
- मैं अपनी जिंदगी में खुश नही हूं
मुझे लगा वो पूछेगा हाल मेरा
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Rubaru huye aaj chand ashiq maikhane main..
Dard cheri jayegi ab har paimane mey...-
मुझसे जगह बदल के देख साकी,
तूझे भी तक्लीफ-ए-जिन्दगी समझ आने लगे गी।।-
ए साकी तूने मेरे ज़र्फ़ को समझा क्या है...
ज़हर पी लूँ तेरे हाथ से ये ज़ाम क्या है...!
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अब तो साकी भी,
नही देता जाम,
तेरे ग़म पर कुछ सुनाने पर "जावेद"
कहता है पुराने हो गए उसके सिक्कें,
कोई नया ग़म लाये यो बात बने....-
अगर होश ना रहे तो भी मेरा जाम खाली ना रख ऐ साक़ी
की आज फिर किसी की राह तकते दिन गुज़रा है।।-
इतनी पिला दी साकी ने
की झूम उठा मैखाना
तंग आ के फिर साकी बोला
ए भाई तुझे घर नहीं जाना?
😂😂😂😂🤣🤣🤣-