वाह! क्या बात है आपकी,
कहने वालों की बातों से बचे...-
Javed
(Y2J)
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Joined 7 May 2020
6 JUL AT 11:13
मेरे हमनवां कभी सुन ज़रा,
जलते रहे हैं बरसात में,
थे बहुत फसाने तो मगर ज़िंदगी के,
हम रोए बस तेरी चाह में,
ना आते रास है ये सुहाने मौसम भी,
बारिशें तो वो ही थी भीगे थे जो तेरे साथ में...-
5 JUL AT 17:36
धूप बढ़ जाए तो,
अपना साया भी मुंह छुपाता है,
ये दुनिया है यहां खुद पर भी मत रख आस,
इंसान बड़ा अच्छा था यहां मरने के बाद कहा जाता है।-
5 JUL AT 9:56
उठ अब दिन हो चुका है,
तू एक ही ख़्वाब में,
फिर से क्यूं गुम हो चुका है,
उठ जा के नया दिन है गुजार नेको,
मरे हुए जिस्म में,
नया किरदार फूंकने का समय हो चुका है।-
28 JUN AT 19:34
मुझ में अब सवेरा करने को है,
भीड़ से हटा के लोगों की,
ख़ुद में महफ़िल सा करने को है,
किरदार से निकल कर अब देख लूं खुदको भी,
ये शाम मुझ में ढल के अब उजाला करने को है।-
15 JUN AT 6:46
में अपने आप में भटकता रहता हूं,
खुद अपना हाल ओर ठिकाना शहर का,
बस वीराना लगता है।-