तुम्हारा प्यार तो उस “सफ़ेद “रंग की तरह था ,
जो हर रंग को अपना बना लिया करता था ,
एक रंगबिरंगी छाप छोड़ जाया करता था !!
तो आज वो रंग “काले” रंग मैं केसे बदल गया ??-
लड़की भले ही चौथी फेल, कूपमंडूक हो,
पर लड़के का सरकारी काम होना चाहिए।।-
**जड़**
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आरम्भ श्वेत
अंत श्वेत
नभ,धरा
जंगल हरा
विह्वल कलकल
बहती धारा
अंत श्वेत
से न छुटकारा
श्वेत-श्वेत
पुनः दिखा
श्वेत पर दुनिया टिकी
या श्वेत दुनिया पर टिका।-
आखरी रात की रवानी है दिसंबर
एक नई सुबह का वादा है दिसंबर
(बाक़ी कविता कैप्शन में)-
शराफत की सबसे सफेद पोशाक में बैठा रहा वो ..
जिधर जिधर निगाह दौड़ाई हर को तवायफ करता
रहा वो।।-
सफेद रंग में लिपटी खूबसूरत
रंगरेज से हंसने का पता पूछती हैं
वो लाल रंग दिखा देता हैं-
ज़मीं छीन के आसमां उसके नीले किये तो क्या किये..
अश्क़ भिगो कर चेहरा उसका लाल किये तो क्या किये..
अरमानों के रंग पे उसके यूँ अपने रंगों की सफ़ेदी फेर कर,
हाथ बांध कर हाथ उसके पीले किये तो क्या किये...।!।-
काले कपड़ों में सियासत कुछ ऐसी जमाई जाये,
सफ़ेद रंग कितना स्याह, ये वतन को बताया जाये।-