Zaruri nahi acche se baat Karne wala har insaan accha ho aaj kal saazish Karne wala bhot mitha bol leta hai ...
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Don't believe whatever you see, because there are CONSPIRACIES behind CONSPIRACIES now.
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एहसास ए ख़ुदा से सराबोर हुं मैं 'ताबीर'
मशवरा दो मुझे, कहां से लाऊं साज़िशें।-
कि घड़ियों की साज़िश है या तेरी गुज़ारिश ?
यूँ तो नहीं होती मेरी आँखों से बेवजह बारिश..
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मेरा दिल मेरे ख़िलाफ़ ही
अब साज़िश करता है
जो मिल नहीं सकता
उसी की ख्वाहिश करता है-
वो क़ातिल अदाओं की साज़िश समझते नहीं
झील सी आँखों की भी कशिश समझते नहीं
इज़हार कर भी दे हम तो लबों से अपने
पर वो होंठों की लर्ज़िश समझते नहीं
उनसे क्या कहें हम अपने दिल की बातें
जो धड़कनों की ख़्वाहिश समझते नहीं
लग के गले उनके रो भी चुके है कई दफ़ा
मगर वो अश्कों की बारिश समझते नहीं
अच्छा नहीं उनका यूँ मेरी ज़ीस्त में रहना
इन सितारों की भी वो गर्दिश समझते नहीं-
Gairon ki tarah tere khilaaf saazish nahi karta
Fikr to karta hai bas zaahir nhi karta
Pana to beshakk chahta hai tumhe
Magar pyar me wo jazbaaton ki numaish nahi karta-
''Yrrr' mujhe pad'rakhne ki 'saazish' mein lage huye ho tum...
Maine toh socha tha ki aik padhe likhe 'samajhdaar' ho tum......?
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यूँ हम रोते रहे तेरे इश्क़ में, तुझे भी गंवारा नही ,
साज़िशें थी कुछ, जो तू आज हमारा नही,
हमे तो प्यार था, तुझे सिर्फ एक आकर्षण,
इसी वजह, शायद आज भी हम तेरे है, तू हमारा नही ।।-