क्या कहे की हमे किस चीज से नफरत है
जो चीज आसानी से मिल jaye हमे उससे सख़्त नफरत है।-
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Jaunpur(up)
Mahboob shayar-jaon Elia
Kavi- Gosw... read more
चरस पीला कर बाबा का दर्शन करवा दे मित्र वही है
नशे में डूबे हुए को जो घर पहुंचा दे मित्र वही है
टेंशन और प्रोब्लम के बीच जो Will's पिला दे मित्र whi hai
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कठिनाइयों को अपनी प्रभुताई से कुचलना सीख ले
अगर भय को परास्त्र करना है तो जूझना सीख ले
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न जाने खराब लोग कैसे होते होंगे
खुद को करीब से देखा तो लगा ऐसे होते होंग।
कोविद ओझा
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अब मुझे मुझसे रिहा कीजिए
बहुत थक गया हूं,दुआ कीजिए।
छोड़िए भी अब यकीन और वफ़ा की बातें
आप का काम दगा है ,दगा कीजिए।
दुनिया ने बस इतना ही सिखाया है
हक मांगना गुनाह है,हक छीन लीजिए।
ज़िद अगर शौख बन जाए तो अलग बात है
पर शौख ही अगर ज़िद बन जाए तो क्या कीजिए।
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तुम्हारे बाद किसी से कभी दिल लगा न पाए
जो खुले तुमसे के फिर किसिसे खुल न पाए
वैसे तो लड़खड़ाते न थे कभी कदम मेरे
पर जो चूमा तूने तो फिर कभी होश में न आ पाए
हुआ बस इतना तेरे जाने के बाद
के चाहा बहोत पर कभी मुस्कुरा ना पाए
शोहरतें तो मिलती रही हर कदम पर मुझको
पर उन शोहरोतो पर कभी नाज़ न कर पाए।
एक घुटन सी रहती है इस दिल को हर वक्त
के दिल लगाना तो बहोत चाहा पर कभी लगा न पाए
कोविद ओझा
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उसकी ओर मेरी मोहब्बत में बस फर्क इतना था
उसे अपने हुस्न पर नाज़ था
और मुझे अपनी आवारगी पर।-
गर उस तरफ झिझक है फरेब है गुरूर है
तो इस तरफ भी ऐब है नशा है आवारगी है।-