Ishq aur dard...
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Fikr karne wale to hazaron mil jate hai duniya me...
Is dil ki fikr ko dur krne wala gawara hai....-
Tu jo ho to,raatein chalti meri,
Tu na ho to, din bikharte mere....
Paana he tujhe ya,fir tujhe he kho jaana,
Nazdik to aa tu,tujhe mera he ho jaana,
Kese me batau,tu hi mera he thikaana,
Tujh bin to nahi he,ab mera ye zamaana...
Tere bin ab mujhe he mili,yeh dooriyaaaa..yeh dooriyaaa...
Naa mohabbat he tujhe, new lyrics for
Mohabbat he mujhe, yeh dooriyan
Fir bhi saath he.. from the movie
Naa jo kah sakoge tum, Love aaj kal2
Naa kah sakenge hum, writter
Yeh kya majburi he.. Rohit Upadhye
#rohit_shizu09
Chaahu tere bare,
Baatein karna jaam se bhi..
Tu na jo raha to dil gaya ye kaam se bhi,
Isko kya hua he, ye pata he mante he..
Tu hi he mohabbat,or mohabbat naam tu hi....
Tere bin ab mujhe he mili,yeh dooriyaaaa..
yeh dooriyaaa...yeh dooriyaaa...
yeh dooriyaaaa..yeh dooriyaaa...-
न जाने कितनों के दिल में मुक़ाम बनाएं हो,
और कहते हो मेरा कोई ठिकाना नहीं।
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हक़ीक़त में मिलना हमारा खुली आँखों का देखा सपना सही, बन्द आँखों के ख्वाबों में हम हर रोज मिलते हैं।
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चिड़ियों का कलरव
सूरज की लाली
चारों तरफ हरियाली
फिर तुझे जगाने का उपक्रम
भागते भागते तुझे चाय देना
बस वहीं से दिनचर्या शुरू होना
रोज तेरा मेरी मांग को भरना
फिर उसे चूमना मेरे दिन भर के
हर काम में शामिल सुबह होते ही
फिर शाम का इंतेज़ार वो तेरा ढेर सारा
प्यार बच्चो के साथ खेलना
मुझे चोरी चोरी देखना
सुबह होते ही फिर एक नई हसरत
तेरी बाहों में आज रात फिर सो जाऊं बस-
तेरी मुस्कान ने तुझसे जोड़े रखा
ये इश्क़ ने आंसुओ से तोड़े रखा
तेरी उम्मीद पर जी गए थे हम
वरना तो नाउम्मीदी ने दामन पकड़े रखा-
मैं तुझसे दूर हूं बहुत
मजबूर हूं बहुत
पर तेरी यादों की
जंजीर ने बांध रखा है
मुझे कर दे न आज़ाद
मेरे नाजुक है जज़्बात
न खेल कह दे दिल की बात
कर ले अंतिम मुलाकात
दे दे मुझे मेरी आज़ादी
यादों की जंजीरों से मुक्ति-
सुबह होते ही पंछियों की चहक आसमान में घुल गई
बहस जो कल रात हुई सुबह के साथ मन से धुल गई
रिश्ते हैं साहब इन्हें हर हाल में बचाकर जो रखना है
मेरे प्रयास से मेरे अपनों के चेहरे पे मुस्कान खिल गई।-
वो बचपनें में खिलौनों की जिद्द कैसे करता,
हालात ने उसे वक़्त से पहले बड़ा बना दिया।
वो मासूम सा बचपन कैसे जिता,
पीठ पर जिम्मेदारियों का भार जो थाम लिया।-