ज़हरीले साँप तो बहुत होंगे
पर सबसे बड़ा ज़हरीला साँप
वो होता है
जिसका नाम "रिश्तेदार" होता है
जो हर मोड़ पर
अपना फन फैलाए बैठा होता है-
दूर होते रिश्ते बताते हैं कि साथ रहने के प्रयास में कमी है।
निश्छल निर्मल हृदय में आजकल अंतर्द्वंद्व की काई जमी है।
शायद अब रिश्तों की गर्माहट कम होती जा रही है साथियों।
इसलिए तो देखो न आज कल अपनों की आँखों में नमी है।
लगता हैं अब वो एक दूसरे से मन की बातें नहीं करते हैं।
इसलिए तो उनके बीच में उनकी आत्माएँ सहमी हुई है।
अब बस नाम के ही लोग एक दूसरे के रिश्तेदार रह गए हैं।
जब भी देखो तो ऐसा लगे कि अभी अभी गहमा-गहमी हुई हैं।
अब वो चॉकलेट, लेमनचूस वो बंबई मिठाई लेकर मामा नहीं आते।
बच्चों में गर्मी छुट्टी में नानी घर जाने की इच्छा की बड़ी कमी हुई है।
वो पार्क, वो चिड़ियाघर, वो ताल-तालाब अब सूने सूने से रहते हैं।
मोबाइल में सब कुछ मिल जाता हैं बच्चों को ये ग़लतफहमी हुई है।
दादा-दादी नाना-नानी की बातें अब तो सबको बोरिंग लगती हैं "अभि"।
चिल करना, कूल बनना पसंद है, आँखों पर मोर्डन धूल जमी हुई है।-
कुछ पल और ठहर जा "ए दिल"
बीत जाने दे ये रैना के और कुछ पहर
फिर अचानक से ये रोज वाली भीड़
दोस्तों और रिश्तेदारों में तब्दील हो जाएगी..
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रिश्तेदार बहुत हैं मेरे
पर उनका एक ही रिश्ता रहा हैं मुझसे
.......मतलब का..!-
Yahi to masla hai rishtedaro ka..
wo baat nahi karte
sidha zeher ugalte hen-
Saapo ke mukaddar me
ab vo zeher kahan
Jo insaan ajkal baaton
me ugal deta hai...!!!
Dhoke baaz ishQ-