QUOTES ON #RIGHTTOLIVE

#righttolive quotes

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17 OCT 2021 AT 19:23

मोहब्बत हूं मै खुद ‌
पर मोहब्बत की ना जरुरत है

इंसान हूं और हां
इंसानियत की बहुत जरूरत है

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7 MAR 2018 AT 14:18

काश कुछ और कत्ल गुनाह कहलाते।
काश कुछ और बेजुबान ज़िन्दगी जी पाते।
😢😢

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19 MAY 2021 AT 7:59

काला होना गुनाह नहीं,
प्रकृति का सबसे अनमोल,
रत्न होते है ये,
हर जगह हर कोने में,
दिखती है इनकी काबिलियत,
चाहे राष्ट्रपति हो या राष्ट्रपिता,
वैज्ञानिक हो या समाज सेवक,
कहीं भी किसी से कम नहीं है हम।।
#BLACKLIVESMATTER

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16 DEC 2019 AT 22:38

कोई आंखें मूंदे रहा कि रात कटे और सवेरा हो जाए।
और कोई बेफ़िक्री भरी नींद की चादर ओढ़े सो गया।।


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8 FEB 2018 AT 22:10

They have a problem
With everything I do
Yah with everything I choose to wear
As if keeping a choice is a sin
They can't handle me and my tantrums anymore
I just want to be loved though
And I can't see a movie of my own
Cause it's vulgar to watch couples kiss on-screen
I just want to be real though
They haven't discovered
That I write too
Or they would say this is dustbin poetry
Amidst all of this
I just want an identity of my own

But that's too much to ask.

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21 JUL 2018 AT 21:53

Head high, chin up
we walk.
Hand-in-hand,
feeling the love.
Who are they
to decide?
Need no one
when you are
by my side.
We dare to love
We dare to live
Love is supreme
We believe.




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3 MAR 2020 AT 16:27

भले जग से अलग सा
है भगवान को प्यारा सा
दिखावे पे ठट्टा सही नही
ये हंसने की बात नहीं

प्यार नही तो कद्र सही
कोई उसका दोस्त बनो सही
इंसानियत से गिरना सही नही
ये हंसने की बात नहीं

बात उसकी भी सुनो सही
शायद पाओ कुछ बात नई
बराबर न समझना सही नही
ये हंसने की बात नहीं

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26 MAR 2020 AT 19:32

खुला नीला आसमान,
अपने प्राकृतिक आवास
और राहों पर
उन्मुक्त निडर
घूमते पशु,
काले जहरीले
रसायन मुक्त
कल-कल, छल-छल
बहती नदी,
वाहनों के शोर से परे
सुनाई देती
पत्तों की सरसराहट,
पंछियों की कलरव
की ध्वनि,
और चार दीवारों में
क़ैद इंसान देखकर
लगता है,
प्रकृति ने उसके
जीने का अधिकार
हमसे छीना है......!

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4 JUN 2020 AT 14:19

वे लोग भी आज उसकी मौत का शोक जता रहे हैं
जो सदियों से बेजुबानों को काट कर खा रहे हैं

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22 MAR 2021 AT 8:57

मैं बेघर हूँ ,छीन लिया गया है मेरा घर ..
एक चिड़िया कह रही थीं...
मैं घायल हूँ तारो से ,पतंगों से नव विकास से ...
एक चिड़िया कह रही थी...
मैं भूखी हूँ ,प्यासी हूँ...
नहीं दिखता कही दाना और पानी...
एक चिड़िया कह रही थी..
मैं आक्रांत हूँ ,भयभीत हूँ ,अपनी घटती संख्या से..
कही मैं गायब ही न हो जाऊं इस धरा से...
मुझे बचा लो पाषाण-ह्रदय मानव ,थोड़ी दया दिखाओ
थोड़ा दाना ,थोड़ा पानी ,छोटा सा आश्रय मुझे भी दो
मैं भी जीना चाहती हूँ...

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