अनजान  
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Poet
Joined 29 January 2020


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Joined 29 January 2020
13 SEP 2023 AT 17:58

मैं सागर और वो नदी सी है
मेरी हर लहर में शामिल सी है
जब चांदनी अंबर पे छाए
वो वैसी सुहानी निशा सी है

मेरे बिना कहे भी सब समझ जाती है
ज़िंदगी को खुशियों से सजा जाती है
वो जैसे की एक खुशनुमा सा एहसास
उसके साथ ज़िन्दगी खास हो जाती है

वो मुझसे रूठा करती है
मुझपे हक़ जताया करती है
झूठ मुठ के गुस्से मे
वो प्यार छुपाया करती है

उसका होना मेरी खुशनसीबी है
वो मेरी प्रेरणा मेरी कलम सी है
वो जैसे एक सुंदर सी कविता
इस अनजान की जान सी है

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25 APR 2022 AT 23:55

यादों का जुगनू जब उसे रातें जगाए
किसी की याद जब आँसू बन आए
सह पाते हो दर्द-ए-मुहब्बत जब प्यार हो जाए ?
उससे पूछेंगे किसी दिन

जैसे दर्द मुझे मिले अगर वो भी पाए
वो भी किसी के प्यार में फ़ना हो जाए
जी लोगे एक तरफ़ा प्यार में जब वो मिल न पाए ?
उससे पूछेंगे किसी दिन

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24 APR 2022 AT 19:07

भक्ति भाव से बुझाऊँ
तू प्यासा बन मुस्काए
मैं भक्ति रस छलकाऊँ

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24 APR 2022 AT 1:24

वो सजती और सँवरती है
मन में तूफ़ाँ संजोती है
दिल के टूकड़े समेटी सी
वो ग़ैरोंकि गलियाँ सजाती है

खिली धूप में हँसती है
बारिश में रो लेती है
ओठों पे लाली ख़ूबसूरत सी
पर मुस्कुराना भूल जाती है

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23 APR 2022 AT 17:03

तेरे बाद आज भी कमी सी है
दिल के किसी कोने मे बेरुखी सी है
रहता हूँ तेरी यादों में आज भी ग़ुम सा
के सफर चलते हुए भी घड़ी थमी सी है

उस एक उम्र में दिल्लगी बदनसीबी सी है
ज़िन्दगी आज पूरी हो के भी अधूरी सी है
उस दिन के बाद कभी रोया नहीं तेरी याद में
के सब खुश हैं इसी बात की खुशी सी है

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19 SEP 2021 AT 21:16

तुझा स्पर्श हवा सहवास हवा
तो उगाच लटका राग हवा
नकोसे जग हे तुझ्या विना
श्वासा-श्वासात असो सुगंध तुझा

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20 DEC 2020 AT 14:26

तेरी हर अदा में कुछ खास होता है
एक खुशनुमा सा एहसास होता है
बेइंतेहा खूबसूरत हो तुम इसमें कोई शक नही
पर ज़ुल्फ़ें जब बिखराती हो मंज़र दिलसाज़ होता है

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17 DEC 2020 AT 22:29

इंतज़ार

इंतज़ार है तेरे आने का
तेरे संग सपने सजाने का
दोस्ती तुझसे निभाते हुए
तेरे प्यार में खुद को खोने का

हर सुबह तेरी मुस्कान से होने का
शाम तेरी जुल्फों में उलझ जाने का
जब चाहे तेरा दीदार करते हुए
तू बस मेरी होने के एहसास का

तुझसे किया हर वादा निभाने का
हर राह पे तुझे अपने संग पाने का
सारी खुशियाँ तुझपे लुटाते हुए
हर ग़म से तुझे बचाने का

इंतज़ार है उन खास लमहोंका
हाथ थामे तेरी आँखों मे खोने का
निगाहों में वो चमक देखते हुए
यकीं करूँ तेरा हकीकत होने का

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16 DEC 2020 AT 22:13

हैं दूर-दुर पर प्यार की सुलग है
तड़प रहे हैं दोनों इसकदर जुदाई में
ओठोंपे मुस्कान दिल मे कैद जलखग है

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22 OCT 2020 AT 13:06

तेरी यादोंके फूल दिल की गलियाँ महकाते मिलेंगे
कुछ मेरे साथ तो कुछ वहीं राहें सजाते मिलेंगे
उन गलियों ने तेरे इंतज़ार में कुछ ऐसे वक्त बिताया है
किसी को शायर और शायर को अनजान बनते पाया है

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