उम्मीदो के बिना सपने साकार नही होते
मन्ज़िलो कि चाह के बिना रस्ते गुलज़ार नही होते
ज़माने भर में मिलते हैं लोग कई
लेकिन ये हालात भी सबके साथ नही होते
नसीब बहुत खूब है उनका
जिन्हें सरहदो के दीदार होते हैं
वरना कुछ सरफ़रोशो को देखो
चाहते हुए भी वतन ऐ हिन्द पर
शहादत के सपने नसीब को मंजूर नही होते-
आज देखा चिलचिलाती धूप में
एक पुलिसवाला खड़ा था
शायद उसके परिवार से ज़्यादा
उसका कर्तव्य बड़ा था
ज़िंदगी भर जिन लोगों के ताने सहता रहा
देखा तो आज उन्हीं के लिये इस धूप में लड़ता रहा
आज वो किसी को डंडे भी था मार रहा
पर वो उसको और उसके ही परिवार को था बचा रहा
डराता तो उसको भी होगा कोरोना
पत्नी ने भी कहा हो ऐसी नौकरी करो ना
बच्चे भी अंदर से डरते होंगे
प्रार्थना पिता के लिये करते होंगे
पर परिवार से ज़्यादा उसको फ़र्ज़ प्यारा था
सड़कों पर खड़ा वो रक्षक हमारा था
देश के इन सिपाहियों पर हम मान करें
आओ सब मिल कर इनका सम्मान करें-
पुलिस...........
निर्दोष होते हुए भी जो, अपनी जानें हैं गंवा रहे।
ख़ुद अपने प्राण न्यौछावर करके,औरों को बचा रहे।।
वो वीर सिपाही सारे ही, जो रूप धरे भगवान का,
ख़ुद लड़ रहे महामारी से,और औरों को सिखा रहे।।
हर वक्त मुस्तैद हैं वो प्रहरी बन कर जनता के,
कोरोना से कैसे लड़ें, वो औरों को ये समझा रहे ।।
कर लेते तसल्ली, बच्चों को अपने दूर से निहार कर,
बिन छुए अपने बच्चों को, झूठी मुस्कानें दिखा रहे।।
हम पर ना आए आँच कोई इस भयंकर महामारी की,
आगे डटकर हम सब के वो अपना फ़र्ज निभा रहे।।
क्यूँ फिर उनके हिस्से में पत्थर और लाठी आते हैं,
वो फिर भी रक्षा हेतु, जीवन भी दांव पर लगा रहे।।
कहीं हाथ काटते हैं लोग,कहीं पत्थर बरसाते हैं,
वो स्थिरता से खड़े रह के,अपना दर्द भी छुपा रहे।।
देश के इन रक्षकों के लिए, कुछ फ़र्ज हमारे भी हैं "नूर",
फिर क्यूँ कुछ निर्लज्ज मानव इनको इतना सता रहे??
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शहीद
सिपाही का जीवन होता है देश के लिए समर्पण,
परिवार से दूर रहकर करता है देश का रक्षण।
घर ही नहीं बल्कि देश ही है उसका परिवार,
सभी देशवासियों की तरफ से उनका आभार।।
वर्षों-वर्षों भर रहता है घर से दूर,
नहीं आ पाता घर क्योंकि देश की रक्षा में है मजबूर।
इसकी मिसाल एक सिपाही ने दी,
देश के लिए अपनी जान की आहूति दी।।
शहीद होने के बाद भी बाबा हरभजन सिंह ने निभाया है अपना कर्त्तव्य,
पहरा देते रहते हैं सीमा पर हर वक्त।
वतन के लिए दे देता अपनी जान,
जिससे कभी झुके ना देश की शान।।
दिनों दिनों तक नहीं सोते हैं,
कि वतन के लोग सो सकें।
बाहरी दुष्शक्ति को आने नहीं देते,
कि देश सुरक्षित हो सके।।
जब-जब समय आया दिया देश के लिए बलिदान,
जिससे वतन बन सके महान।
कोई भी हो स्थिति ,
सम्भाल लेते हर परिस्थिति।।
जब ठान लेते देश की रक्षा की जिद,
मरने के बाद इन्हीं को कहते हैं शहीद।
सबको नहीं मिलता यह अवसर जीवन में,
वतन के लिए मर मिटने में।।
न रखें दिल में कोई भ्रम।
करें शहीदों को सत् सत् नमन।।
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अपने ही अतीत से जूझता हुआ, घिर गया है सवालों के घेरे में...
आखिर कौन है वह? क्यों है वो रक्षक?? ऐसी क्या समस्या है जिससे अब कोई नही बच सकता? हज़ारो सवाल है और जवाब सिर्फ वक़्त के पास है, आखिर वक़्त क्या जवाब देगा अब उसको, जूँझ रहा है हजारो मुसीबतों से अपने साथियों के संग, क्या होगा उजाले का भविष्य यह तय करेगा रक्षक का अगला कदम, उलझनों, भावनाओ और रहस्य एक्शन सस्पेंस थ्रिलर भरी रोमांचक कहानी को पढ़े....-
Woh sarhad pe sina tane khade hain,
Tabhi teri meri maoz hai.
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
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Tyohar yeh sirf Bhai-Bahan ka hi Nahin
Un sare riston ka bhi hai
Jo kabhie irade se
to phir kabhie aadat se
humare dagmagate kadamon ko sambhal liya karte hai
Zindagi.... aasan banate hain
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