Dear Ex,
Part -1
Yaadein Teri tarpati hai
Tasveere Teri rulati hai....
Kuch Maa ke ladle breakup ke baad tut jaate hai
Aur hm jaiso main "UPSC" clear Karne ki aag lag jaati hai-
सुनो !!
एक बात सुनोगी क्या ??
रोक कर इस हल-चल को !!
कुछ वक़्त मुझे दोगी क्या ??
हर किसी को देखती हो !!
एक नज़र मेरी तरफ देखोगी क्या ??
अच्छा छोड़ो ये बातें !
वो सितारे तोड़ने हैं तुम्हारे लिए !!
मेरे साथ चलोगी क्या ??
बहुत काम हैं पता है !!
पर सुनो कुछ पल मेरे नाम करोगी क्या ??
ऐसा करो जिस्म तुम ही रख लो !!
मगर वो रूह मेरे नाम करोगी क्या ??
थाम कर हाथ मेरा !!
इन वीरान से रास्तो पर साथ चलोगी क्या ??
सुनो !!
इस बेजान की जान बनोगी क्या ??
!!!!-
एक कुर्सी की लड़ाई में,
ना जाने कितनी अर्थियां उठेगी,
जब खत्म होगा खेल चुनाव का
और मुर्दा घर में तुम ,
एक संख्या बनकर रह जाओगे,
तब ये नेता तुम्हें दोषी ठहरा देंगे (१)
अपनी प्रतिभा को बढ़ाने में,
ना जाने कितनी भीड़ बढ़ेगी,
जब खत्म होगा खेल चुनाव का
और अस्पताल में तुम,
एक बिस्तर के लिए तड़पोगे,
तब ये नेता तुम्हें दोषी ठहरा देंगे (२)
सत्ता की इस दौड़ में,
ना जाने कितने परिवार टूटेंगे,
जब खत्म होगा खेल चुनाव का
और वजह जब तुम
इन जानहानि की पूछोगे,
तब ये नेता तुम्हें दोषी ठहरा देंगे (३)
अभी भी वक्त है संभल जाओ मित्रो,
जीत जाएगा कुर्सी कोई,
जीत जाएगा राज्य कोई,
कौन लेगा ज़िम्मेदारी उस जनता की
हार गए जो सांसे अपनी? (४)-
यूँही राहो में चलते-चलते मुलाकात
हो जाता है कभी-कभी
यूँही देखते-देखते आँखों ही आँखो में बात
हो जाता है कभी-कभी
चाहे मीलों कि दूरियां हो दिलो के दरमियान
फिर भी इशारो ही इशारो में बात
हो जाता है कभी-कभी-
तेरे करीब होने का हक़ बस मुझको हो.............
तेरे एहसासो की गहराईयों मे डूबने का हक़ बस मुझको हो.........
मै रोक लू तेरी तरफ उठती हर नज़र को
तुझे करीब से देखने का हक़ बस मुझको हो........
तू ज़िद है मेरी तू ही मेरी जुनूनीयत है......
तेरी साँसों की सन - सनाती आवाज को
महसूस करने का हक़ बस मुझको हो........
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दस्तूर तो खुदा ने भी मोहब्बत का
वफ़ा लिखा था.......
पाक अल्फाज़ो से जुड़े मोहब्बत शब्द को
बेवफाओ के दिल से दूर रखा था...-
मेरे चेहरे की मासूमियत है इनायत जैसी
पर मै खुद मे एक आग हु....
क़यामत हु मै
हर सुरु हर राग हु.......-
Bebaak si thi mai,,
Tumse rubarooo hone se pehle...
Do pal ki mohobbat se waqif kya hui
Mano tabah ho gayi.....-
चाहू तो पल भर मे कतल कर दू अपने जज़्बातो का..
पर.....
जो जीते जी ना समझ पाए उनसे अपने जनाज़े...
मे आने की दरखास्त करना मुनासिब नहीं..-