जिंदगी को फिर से ज़ार ज़ार करते हैं,
चलो, फिर से मुहब्बत इस बार करते हैं।
फिर से किसी की यादों में खुद को बेगार करते हैं,
अधूरी ख्वाहिशों को पूरा इस बार करते हैं।
क्या हुआ जो पिछली दफा टूटे गए थे,
मजबूत हौसले की फिर से दीवार करते हैं।
इश्क़ के सारे रंगों से,
जिंदगी को फिर से गुलज़ार करते हैं ,
चलो, फिर से मुहब्बत इस बार करते हैं।
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