The day was shoddy
When i met that cossy
Lights were all down
I found that man in brown
My heart was shaking
And my eyes were awaiting
Was that my illusion
Or figment of imagination-
ना कोई डोर है,
ना तुम पतंग,
ना कोई काबु है मेरा तुझपे,
ना तू बेसब्र
हर्फ दर हर्फ सम्भली हूँ मैं,
थामना तो चाहती भी हूँ,
मगर कहने से डरती भी हूँ मैं,
तू जो सामने से थामे डोर मेरी,
खीचे मुझे यु पतंग सा,
लपीटी जाऊँ तेरी बाँहों में मैं,
जैसे रेशमी धागे की चरखी की तरह,
यूं तो आज़ाद पंछी सी हूँ मैं,
मगर कैद कर ले तू मुझे अपनी निगाहों में कुछ इस तरह ,
बस गिरा ना देना मुझे, यूं किसी पलक पर पड़े आँसू की तरह |-
कुछ अरसे हो गये थे मुझे लीखें हुए,
तो आज सोचा तुम्हारी तस्वीर ही उतार दूं।
क्या है ताबीर तुम्हारी ये आज सबमे बतला दूं।
हमारे मरासीम के किससे आज सारी दुनिया को सुना दूं।
की कितनी खूबसूरत हो तुम ये आज तुमको बतला दूं।
की मेरी खाना-बदोश ज़िंदगी की इख्तियार हो तुम,
आओ अब इस फ़र्श से नरम दिल का क़हर तुम्हारे ज़ेहन में उतार दूं।
की पश्बन हूँ मैं तेरे लिए ये आज तुमको मलूमात हो जाए
और मैं अपने जिस्म के फ़ितूर को तेरे लहू में उतार दूं।
कुछ अरसे हो गये हैं कुछ लीखें हुए,
आओ आज तुम्हारे एहसास को ,
एक बार फिर अपने लबों-लबाब में उतार लूँ।-
किससे कहनियां तो सब ले जायेंगे
तो तुम एक काम करो-
मेरा दिल ले जाओ,
मेरे जज़्बात ले जाओ,
मेरे वो खोए अल्फाज़ ले जाओ,
मेरी पुरी तुम कायनात भी ले जाओ,
बदले में बस अपनी-मोहब्बत दे जाओ ||
मोहब्बत दे जाओ ||-
आओ आज फिर 90's के किड्स बनते है
सिर्फ काजल और लीपबाम में कॉलेज चलते हैं ||-
क्या तुमको मालूम है,
यहाँ कोई अपना नहीं है,
सब बस मतलब के यार है,
वक़्त पर सब बेकार है ||-
सच कहूँ तुझे, या हकीकत कह जाऊँ
तेरे जिस्म में, मैं फिर से सिमट जाऊँ
दिल करता है तुझे होठो से लगाऊँ
खुशबू में तेरी, मैं पिघलती चली जाऊँ
जी करती है सिगरेट को फिर से गले लगाऊँ ||
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