ओंस की स्पर्श की तरह
वो खूबसूरती, वो शीतलता, वो चमक
वो पारदर्शी , वो स्पष्टता है वो...
कोई छूने से भी डर जाए,
वो कोमल सी बूँद है वो l
शायद ही उसने अपने बारे में कभी सोचा होगा,
मेरी ये उसके लिए बड़ी- बड़ी बातें नहीं
बस अब कहने पे उसी का सच होगा l
ज़िंदगी सूखी पत्तों की तरह ही है आजकल
सबको कुचलते ही देखा है मैंने,
उस पत्तों को संजोना, सवारना यहाँ तक की जान डालना आता है उसे,
आसान तो नहीं होता होगा उसके लिए भी
शायद औरों की तरह साथ छोड़ना नहीं आता होगा l
मेरी ये सिर्फ बातें नहीं
उसका सच है,जो शायद आज उसके साथ होगा l
ख़ामोशी में रह जाते है अक्सर हम
उस ख़ामोशी में जीना कोई उससे सीख जाये,
ज़ुबान का काम नहीं उसके आगे
वो रूह से जो टकरा जाये
सच कहूं तो ,बेहद ख़ास है वो
उससे दिल चुराना कोई सिख जाये l
यूँ कुछ पंक्तियों में बयां तो नहीं कर सकती उसे
वो क्या है मेरे लिए, ये सवाल कभी नहीं सुलझ सकती
विघ्नहर्ता ,निर्मलता का रूप है वो
मेरी फिर से परवरिश करने वाली
शायद उस ऊपर वाले की परछाई है वो ll-
ये नतीज़ा है माँ की परवरिश का,
मेरी क़लम को, क़लम बनाने में।
یہ نتیجہ ہے ماں کی پرورش کا
میری قلم کو قلم بنانے میں-
ना जाने कौनसी कमी रह जाती है परवरिश में बेटों की......
क्यु मेरे मुल्क में बेटियों की लाशे अक्सर बे'वस्त्र मिलती हैं..😒
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मा - बाप की परवरिश में,
की लोग साथ मिल इंसानियत नहीं,
दरिंद्रता दिखाते है।-
अपनी कमाई का रुतबा दिखाने के लिए
घर की टूटी दीवारों की मरम्मत तो करा दी,
लेकिन माँ-बाप के माथे पर शिकन अब भी ऐसी ही हैं।-
Ki baat hamari hoti toh
Ham har maan bhi lete
Ladai toh ab aatmsamman
Or parvarish par aa tiki thi
Ham kadam peche bhi kese lete
Ki vaar par palat bar toh milna hi tha
Ek myan me do talvaar rehte bhi kese
Ki parvarish me jhukna na shikhaya tha
Phir parvarish par ungli uthane bhi dete kese
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परवरिश बड़े मौके देती है 'माँ-बाप' को,
सही मायनों में बड़ा बनने के ।-
मैं बेहतर जानती हूं
परवरिश की परिभाषा
:
मां का दिल हैं सब कुछ जानती हूं
खून से सींचा पल पल तुझको
:
रातों को भी भूली तुझ संग
मां का दिल हैं सब कुछ जानती हूं
:
पलकों पर बसाया तुमको
अंचल में छुपाया तुमको
:
फिर क्यों भूल गए मुझको
जाकर दूसरे देश
:
लौट आ मेरे लाल
मेरी कोख तुझे पुकारे
:
हाल तेरा भी बुरा होगा
तेरी मां सब जानती है
:
सपने में थी तेरी आहट
थोड़ी सी घबराहट वाली
मां का दिल हैं सब कुछ जानती है !!
-Sangeeta Gupta ✍️-