Ishu   (Ishu)
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Joined 8 December 2021


Joined 8 December 2021
23 OCT 2022 AT 1:04

ज्यादा वक्त नहीं लगेगा लौटने में पर
कुछ दिनों के लिए ही सही जा रही हूं
माना की इससे दूर रहना आसान नहीं
पर मन को अपने मना रही हूं।

Happy Diwali in advance to Yq family ❤️

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21 OCT 2022 AT 19:21

आज जब ख़ुद को बड़ा परेशान पाया
तो कौने में बैठकर ख़ुद के साथ वक्त बिताया
अपनी की हुई गलतियों पर गौर फ़रमाया
तब दिल मेरा जोरों से चिल्लाया
क्यों किया था वो जिससे मैंने दर्द पाया
क्यों आज भी मेरा मन उन सबसे उभर नहीं पाया
ख़ुद को हिम्मत देकर ख़ुद का साथ हैं निभाया
अब हो गया सो हो गया कहकर दिल को बहलाया
अब दोहराना नहीं वो सब कभी ऐसा ख़ुद को हैं समझाया।

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20 OCT 2022 AT 0:40

अब इसे मेरी अच्छाई कहु या बेवकूफी
जो मैंने आज तक किया
मेरे साथ बुरे से बुरा बर्ताव करनेवालो के साथ भी मैंने कभी बुरा बर्ताव नहीं किया।

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19 OCT 2022 AT 0:31

जिसकी राह में बैठे हैं वो तलाश ख़त्म हो जायेगी
भाई को जब हमारी भाभी मिल जायेगी
तब बजते होंगे ढोल और शहनाई भी बजाई जायेगी
बहुत खुशी का दिन होगा वो जब भाई भाभी की शादी हो जायेगी।

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18 OCT 2022 AT 23:55

कब तक सबसे दर्द बाटोगे
कभी कभी किसी को हंसा लिया करो
कब तब अपने आंसू बहाओगे
कभी कभी किसी के आंसू पोंछ लिया करो
कब तक लोगों में कमियां ढूंढोगे
कभी कभी किसी की अच्छाई भी ढूंढ लिया करो
कब तक लोगों की निंदा करते रहोगे
कभी कभी किसी की तारीफ़ भी कर लिया करो
कब तक मजबूरियों में बंधे रहोगे
कभी कभी खुद को आज़ाद कर लिया करो।

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13 OCT 2022 AT 22:25

अपनी जिम्मेदारियां मैं बखूबी निभाती हूं
फ़िर भी ना जाने क्यों लोगों को मुझमें कमी ही नज़र आती हैं

बचपन से कभी किसी के सामने बोलना सिखा ही नहीं
शायद तभी तो आज मेरी बातें अक्सर लोगों को चुभ जाती हैं

लड़की हूं इसका मतलब ये तो नहीं की सब सहती जाऊ
अब सब नहीं सहा जाता ऐसा मेरी रूह भी चिल्लाती हैं

ख़ुद के लिए अब लड़ती हूं इसी वजह से
अब अपनों में भी गैरों की परछाई नज़र आती हैं।

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9 OCT 2022 AT 23:19

ना चाहते हुए भी तुझे हर रोज अपनी यादों की कलम से लिखती रहती हूं
चाहे दुःख हो मुझे उन सभी यादों से फ़िर भी हर रोज तुझे याद करती रहती हूं।

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7 OCT 2022 AT 10:26

किसी के कहने पर खुद को रोक लूं
इतनी कमज़ोर थोड़ी हूं?
तुम अपनी उंगलियों के इशारों पर नचाना चाहो कठपुतली थोड़ी हूं?

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6 OCT 2022 AT 23:54

किसी के मन में उम्मीदें जगाकर
उन पर खरा ना उतरना बहुत आसान हैं
दिल में ढेरों ख्वाहिशें बनवाई और
खुद ही ख्वाहिशों को तोड़ना
ये आपके लिए बहुत आसान हैं
मिल जाते हैं हंसानेवाले कई लोग
पर उनके लिए तो किसी को रुलाना बहुत आसान हैं।

जब तक वक्त तुम्हारा हैं तब तक सब कुछ बुरा कर लो
फ़िर कर्म अपना काम करना शुरू करेगा और वक्त बताएगा कि कर्म की सज़ा भुगतना ज़रा भी आसान नहीं हैं।

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26 SEP 2022 AT 0:27

अपनी आंखों में ढेर सारे
सपने संजोए बैठी हूं मैं
ख्वाबों को हकीकत में बदलने के
लिए मेहनत से इश्क़ कर बैठी हूं मैं
मुझे ख़ामोश समझने की गलती ना करो
अपने अंदर तूफ़ान लिए बैठी हूं मैं।

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