भारत की संसद में भारत के जनमानस द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों, चाहे वो पक्ष हो या विपक्ष सभी के परामर्श से एवं सभी सहयोग से ही देश के लिए कानून बनाना चाहिए।
यदि कानून निर्माण में सबका सहयोग और परामर्श ना लिया जाए तो ऐसी स्थिति में विरोध और आंदोलन का सामना करना पड़ता है।
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