Over worrying about the future is like,
Searching for tomorrow's newspaper today.-
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मरुस्थल की वो निशा
उस भेदी समय में
निशिकांता की टिचकारी गूंजती है
और मैं टिचकारी
को पकड़ फिर
एक पुनर्नवा खोज लेती हुँ...
और
अपने कल का पता भी,
अंतस की दहली की मिट्टी से मांग भर
नितांत अकेले क्षणों की परिधि में जो अधूरी रह गई हो उन सुगन्धों को
अंकित युगों को समर्पित कर उन्हें ढूँढने निकल जाती हूँ...
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माँ सा भोलापन इनमे,
जो वांछा सो है देते,
अमर्ष से इनके त्रीणि भव है भयभीत होते,
त्रिवेणी,ध्रुवनंदा,अनेक नाम गंगा के जिनको ये अपनी कोटीर मे समाये,
हर-हर महादेव हर अर्चक पुकारे,
धरित्री के अभ्युदय हेतु विषपान किया इन्होने
नीला है कंठ उनका ,सो नीलकंठ है कहलाए।
दुनिया का प्रथम प्रेम परिणय सुत्र सज़ाया,
गौरी को अपनी अर्धांगिनी बनाया
मुरुगन,वक्रतुंड,दो सपुत हुए उनके।
बसेरा है कैलाश जिनका,
भक्तो की व्यथा हरने,अधम का नाश करने,
हर ज़गह प्रकट होते,भक्तो से वात्सलय इतना।
बारह ज्योतर्लिंग है इनके, जिसमे से एक मांधाता नगरी मे है बसा।
हर राह मे साथ हमारे,
माँग के देखो,सबकुछ दे।
शिव,शम्भु,भोले,शिवाय अनेक नाम है इनके ,
देवो के देव महादेव है जो कहलाए ।
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तुम जैसा कहती थी वैसा कतई नहीं तुम्हारा ये इंदौर शहर
क्या ये तुम्हारे शहर छोड़ने का परिणाम है-
कलाइई की यह रक्षासुत्र
महाकाल की याद दिलाती हैं
मन उज्जैन नगरी में यूँ खो जाती हैं
नर्मदा की शितल जल
याद आती हैं हर पल
कैसे करूँ उस नगरी का वर्णन
महादेव के अनेक रूपो का है दर्शन
महाकाल, कालभैरव, ओमकारेश्वर
हर रूप में विराजमान है महेश्वर..!!
✨✨✨
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कर दे कोई नवाज़िशे करम मेहरबानियाँ,
फिरता हूँ मै दरबदर लेकर तेरी मेरी अधूरी कहानियां ।।-
Blessed by Gods, adorned by nature. Omkareshwar is full of beauty and divinity.
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