उसकी शायरी में मेरा ज़िक्र होना मुझे ख़ास कर गया,
कुछ यूँ इठलाई मैं खुद को निहार के कि चाँद भी रश्क हो गया,
इस क़दर उतरा वो ज़हन में कि मेरी हँसी के पीछे की वो वज़ह बन गया।
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writing only my thoughts that I feel can help you bring peace a l... read more
दिल का बज़ट थोड़ा ज्यादा रखियेगा,
ज़ेब का बज़ट फ़िलहाल कम है,चल जायेगा,
ये तो बस वक्त है,सच कहती हूँ कट जायेगा।-
राह में पड़े हर वृक्ष की अहमीयत जाने वो,
छाँव मे आराम तो फरमायें मगर रूकना भी न जाने वो!-
मै अल्फाज़ बन जाऊँ,तूम कलम बन जाना,
और इस कोरे क़ागज़ पर किस्सा हमारा लिख देना।
लिख देना!-
एक पल भी बहुत था उस ख़्वाब को देखने मे,
और पूरा बचपन गुजा़र दिया उस ख़्वाब को पूरा करने की दौड़ में,
वक़्त तो फिसला ही हाथो से.......यार भी पीछे छूट गयें।
कुछ पल रुका थ़ककर मग़र पीछे मुड़कर देखना जायज़ न समझा।
खैर,
कीमत कुछ ज़्यादा नही उस ख़्वाब की,
बस कुछ भारी पलको संग बिती रातें,कुछ मेहनत,कुछ इंतज़ार,और कई सारी उम्मींदे।-
Off course she admires all the pleasure she has,after all gratitude is must,to god, to people ,to everyone....
She loves the aquarium,
But her heart wants to dive deep into the ocean to explore every wave that takes her every time to a new destination....encounter her with all the adventure she ever wanted,
It's not water that she needs but it's her terms on which she wants to survive
Leave her free....may be you care more that can help her survive physically but mentally she needs her own help..-
Let her pen down her pain, so her stress goes in vain,
And it's Rain any ways will vanish all her pain.-
जन्म हुँआ इस जग में,
बडी़ आभारी हुँ मै।
तूने मुझको चुना बड़ी खुशनसीब हुँ मै।
एक देवी मुझे जन्म दे क्या इस लायक मै।
तु तो हर किरदार मे अव्वल चाहे माँ चाहे हो बेटी,
तेरा अंश तो मै भी हुँ पर क्या तेरी परछाई सी कभी बन भी पाऊ,
क्या एक भी किरदार मे,मै अव्वल आऊ।
तु इतनी पाक है,खा़स है,इतनी प्यारी है,
तुझ जैसे शायद नही मै पर बेटी तो तेरी हुँ।
तुझसे अलग पर तुझसे ही तो हुँ।
मै तुझ जैसी बनु बस इतनी सी कोशिश है मेरी,
लोग मुझे देख कर तेरी परछाई पूकारे बस इतनी सी ख्वाहिश मेरी।
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ख़्वाहिश नही, ख़्वाब हो तुम
तुम नही हो पर हो तुम।
बाते नही पर सुकुन इस बात का की हो तुम।
मैं हुँ तो हो बेफिक्र तुम,
ओछल ज़रा हो जाऊँ, तो बैचेन हो तुम..
ना जानो तुम मगर ,जाने अंजाने अजी़ज हुँ मै और मुझमे तुम।-
कांटो संग पनपा वह,यह बात अनदेखी है।
सबसे खुबसुरत गुलाब,बस चर्चा यही है।
हर शख़्स खु़श तो है पर बात कुछ और ही है।
बेटा हमारा रोता नही....
कुढ़न कितनी, इसका कोई अंदाज नही।
क्युँ कि दिल उसका कभी खंगाला नही।
शब्दो से वो बया करता तो शायद जान पाते हम,
पर खा़मोशी शब्दो से ज्यादा नही कह जाती?...विचार कभी आया नही।
बेटा जब रोया तब चीख सुनी नही,
आज विचार तो आया पर समय बचा नही।
नाराज़गी तुझसे भी है मेरे यार.......तेरी कुंठा तेरे जीवन से बड़ी कब हो गई?
धिक्कार है मुझ पर,जो मेरे होते हुए भी तू बोला नही।-