Divya Singh   (दिव्या चौहान)
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Joined 26 March 2019


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Joined 26 March 2019
26 SEP 2021 AT 22:43

उसकी शायरी में मेरा ज़िक्र होना मुझे ख़ास कर गया,

कुछ यूँ इठलाई मैं खुद को निहार के कि चाँद भी रश्क हो गया,

इस क़दर उतरा वो ज़हन में कि मेरी हँसी के पीछे की वो वज़ह बन गया।

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26 SEP 2021 AT 21:56

दिल का बज़ट थोड़ा ज्यादा रखियेगा,
ज़ेब का बज़ट फ़िलहाल कम है,चल जायेगा,
ये तो बस वक्त है,सच कहती हूँ कट जायेगा।

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26 SEP 2021 AT 21:51

राह में पड़े हर वृक्ष की अहमीयत जाने वो,
छाँव मे आराम तो फरमायें मगर रूकना भी न जाने वो!

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21 SEP 2021 AT 22:53

मै अल्फाज़ बन जाऊँ,तूम कलम बन जाना,
और इस कोरे क़ागज़ पर किस्सा हमारा लिख देना।
लिख देना!

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21 SEP 2021 AT 12:32

एक पल भी बहुत था उस ख़्वाब को देखने मे,
और पूरा बचपन गुजा़र दिया उस ख़्वाब को पूरा करने की दौड़ में,
वक़्त तो फिसला ही हाथो से.......यार भी पीछे छूट गयें।
कुछ पल रुका थ़ककर मग़र पीछे मुड़कर देखना जायज़ न समझा।
खैर,
कीमत कुछ ज़्यादा नही उस ख़्वाब की,
बस कुछ भारी पलको संग बिती रातें,कुछ मेहनत,कुछ इंतज़ार,और कई सारी उम्मींदे।

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19 AUG 2021 AT 23:11

Off course she admires all the pleasure she has,after all gratitude is must,to god, to people ,to everyone....

She loves the aquarium,
But her heart wants to dive deep into the ocean to explore every wave that takes her every time to a new destination....encounter her with all the adventure she ever wanted,

It's not water that she needs but it's her terms on which she wants to survive

Leave her free....may be you care more that can help her survive physically but mentally she needs her own help..

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19 AUG 2021 AT 23:06

Let her pen down her pain, so her stress goes in vain,
And it's Rain any ways will vanish all her pain.

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16 AUG 2021 AT 20:04

जन्म हुँआ इस जग में,
बडी़ आभारी हुँ मै।
तूने मुझको चुना बड़ी खुशनसीब हुँ मै।
एक देवी मुझे जन्म दे क्या इस लायक मै।
तु तो हर किरदार मे अव्वल चाहे माँ चाहे हो बेटी,
तेरा अंश तो मै भी हुँ पर क्या तेरी परछाई सी कभी बन भी पाऊ,
क्या एक भी किरदार मे,मै अव्वल आऊ।
तु इतनी पाक है,खा़स है,इतनी प्यारी है,
तुझ जैसे शायद नही मै पर बेटी तो तेरी हुँ।
तुझसे अलग पर तुझसे ही तो हुँ।
मै तुझ जैसी बनु बस इतनी सी कोशिश है मेरी,
लोग मुझे देख कर तेरी परछाई पूकारे बस इतनी सी ख्वाहिश मेरी।

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16 AUG 2021 AT 10:21

ख़्वाहिश नही, ख़्वाब हो तुम
तुम नही हो पर हो तुम।
बाते नही पर सुकुन इस बात का की हो तुम।
मैं हुँ तो हो बेफिक्र तुम,
ओछल ज़रा हो जाऊँ, तो बैचेन हो तुम..
ना जानो तुम मगर ,जाने अंजाने अजी़ज हुँ मै और मुझमे तुम।

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11 JUN 2021 AT 20:38

कांटो संग पनपा वह,यह बात अनदेखी है।
सबसे खुबसुरत गुलाब,बस चर्चा यही है।
हर शख़्स खु़श तो है पर बात कुछ और ही है।
बेटा हमारा रोता नही....
कुढ़न कितनी, इसका कोई अंदाज नही।
क्युँ कि दिल उसका कभी खंगाला नही।
शब्दो से वो बया करता तो शायद जान पाते हम,
पर खा़मोशी शब्दो से ज्यादा नही कह जाती?...विचार कभी आया नही।
बेटा जब रोया तब चीख सुनी नही,
आज विचार तो आया पर समय बचा नही।
नाराज़गी तुझसे भी है मेरे यार.......तेरी कुंठा तेरे जीवन से बड़ी कब हो गई?
धिक्कार है मुझ पर,जो मेरे होते हुए भी तू बोला नही।

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