कलाइई की यह रक्षासुत्र
महाकाल की याद दिलाती हैं
मन उज्जैन नगरी में यूँ खो जाती हैं
नर्मदा की शितल जल
याद आती हैं हर पल
कैसे करूँ उस नगरी का वर्णन
महादेव के अनेक रूपो का है दर्शन
महाकाल, कालभैरव, ओमकारेश्वर
हर रूप में विराजमान है महेश्वर..!!
✨✨✨
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मुझसे प्यार हो या बैर
जो भी हो सच्चा किजिए..
ये दिखावे की भावनाओं का
झूठा खेल न खेलिए..!!
🖤-
कभी-कभी मन में एक अजब सी
उथलपुथल सी होती हैं कि,,
दिल भी रो पड़े...!!
💔💔💔
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𝙰𝚋 𝚝𝚘 𝚗𝚒𝚗𝚍😴 𝚋𝚑𝚒 𝚊𝚒𝚜𝚒 𝚊𝚊𝚝𝚒 𝚑𝚊𝚒 𝚔𝚒,,
𝙽𝚊 𝚝𝚘 𝚢𝚎 𝚐𝚑𝚊𝚛𝚠𝚊𝚊𝚕𝚘👨👩👧 𝚔𝚎 𝚝𝚊𝚗𝚘😤 𝚜𝚎 𝚋𝚊𝚐𝚝𝚊 𝚑,
𝙾𝚛 𝚗𝚊 𝚑𝚒 𝚖𝚊𝚌𝚑𝚑𝚊𝚛🦟 𝚔𝚎 𝚐𝚊𝚗𝚘🎤 𝚜𝚎,
𝙽𝚊 𝚝𝚘 𝚝𝚟🖥 𝚔𝚎 𝚊𝚊𝚟𝚊𝚓 𝚜𝚎 𝚊𝚊𝚗𝚔𝚑𝚎𝚗👀 𝚔𝚑𝚞𝚕𝚝𝚒 𝚑𝚊𝚒
𝙾𝚛 𝙽𝚊 𝚑𝚒 𝚊𝚕𝚊𝚛𝚖⏰ 𝚔𝚎 𝙶𝚊𝚛𝚐𝚊𝚛𝚊𝚑𝚊𝚝🌩 𝚜𝚎..☹️
🥺🥺🥺-
हर एक मोड़ पर नए यार मिलते गए
पुराने यार बीच रास्ते पे छोड़ गए..
कुछ हंसा गए
तो कुछ रूला गए..
कुछ मतलबी
तो कुछ बेमतलब-सी यारी..
सब धीरे-धीरे दूर होते गए
दिलोदिमाग में यादों के पन्नें छोड़ गए..!!-
कुछ मीठे सपने
कुछ यादों के घेरे
कुछ चटपटे चाट के ठेले
थोड़ी मस्ती, थोड़ी नादानियाँ
बस साथ हो पुराने यारों की यारियाँ..!!-
कुछ यादें लिख रहीं पन्नों में
भटकती श्याही...
याद आती हैं कुछ पल खास
लाती है होटों पे मुस्कान मेरी..
कुछ नादानियां, नटखट-सी यादें
हंसा जाती है बेवजह मुझे..
कुछ बिते भयभीत कल
डरा जाती है कभी-कभी मुझे..
उस डर में काबू नहीं मेरा
रूला जाती है कभी-कभी मुझे..
न जाने क्यूँ डरा जाती हैं
वो बिता हुआ कल मुझे..!!-