महज़ आँसू तो एक ज़रिया है,
ग़म को भुलाने का।
चीख-चीख कर खुद को मनाने का।।-
दर्द भरा दिन, और
ख़ामोशी भरी श़ाम आएगी।
उसकी यादों को संभाल कर रखना,
एक दिन काम आएगी।।-
कर लो जनाजे की तैयारी
अब मर जाने को जी चाहता है
थक गई हूं इस जिंदगी से
अब खुद को पाने को जी चाहता है
रुक जाओ थोड़ी देर जरा, अपने यारों से तो मिल लूं
बस आखिरी बार माँ को गले लगाने को जी चाहता है
जरा मैं भी तो देखूं कौन-कौन मेरे जनाजे पर आता है
अब बस शांत हो जाने को जी चाहता है
लोगों के लिए बहुत रो चुकी
अब बस लोगों को रूलाने को जी चाहता है
ऐ खुदा कर बस इतनी रहमत कि मैं जी उठूं
अब बस एक बार जिंदगी को हराने को जी चाहता है-
Sabko chah hoti hai jeewan me
kisi khaas(special) ki
Lekin us khaas(special) ka kya
Jo jeene ki chah hi khatam kar de-
I can't let off her essence from my sense !
How extreme she passed her night in my existence.-
अब न कोई गिला है,
न शिकवा है तुझसे ऐ ज़िंदगी,
मेरी मोहब्बत को है छीना मुझसे ऐ ज़िंदगी,
बस अब है इंतज़ार उस पल का,
मुझे भी कर दे रिहा खुद से ऐ मेरी ज़िंदगी !!-
Chahat mohabbat ki nahi unhe,
Hasrat aashiq ki thi.
Hum unse khafa kya hue,
Unhone naya dundh liya.-
दिल बेचैन है, तो रूह को तो परेशान होना ही था,
आंखें भरी है, उसकी तस्वीर को तो धू़ंधला होना ही था,
चाहे या ना चाहे, उससे तो दूर होना ही था,
मेरी लकीरों में तो था ही नहीं वो
उसको किसी न किसी का होना ही था.-
आज मैं खुद से ही हो गया हूँ खफा,
कमबख्त क्या चाहिए जिंदगी में अब नहीं पता।
क्यों कि जिसको चाहा, वो मिलके भी न मिला,
न जाने कैसा है ये ज़िन्दगी का सिंसिला।
ऐ ज़िन्दगी करले अब जो तुझे करना है,
क्यों की अब न कोई उम्मीद तुझसे और न ही कोई गिला।-