फिर एक बार समुन्दर
ले आई तबाही का मंजर
इसकी खुबसूरत लहरों में
ये कैसा आया बवंडर
धुंधली हुई फिज़ा किनारों की
पर दुआओं से सज़ा अंबर
निसर्ग का सामना करेंगे
हौसला है ये हमारे अंदर
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Abhi Amphan aur Corona
se ubhare nhi the
ki tab tak Nisarg ne
dastak de dii-
मुंबई में तूफान की खबर सुनकर मैंने अपने दोस्त को फोन किया और पूछा : " तूफान के क्या हाल हैं ?"
वह बोला: " यार अभी अभी खाना खा के सोई है, बात कराऊँ क्या ?"-
तांडव निसर्ग तूफान का
तबाही का, नुक़सान का
कैसा वक्त है इम्तहान का
हर कोई लगे है हैरान सा
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निसर्ग की खूबसूरती रही बरकरार !
आने-जाने की सीढ़ियाँ भी हुई तैयार !!-
જવું છે,
એ સ્નેહના અફાટ દરિયામાં,
એ પ્રેમ નગરીના આલિશાન મહેલમાં.
જવું છે,
એ હળવાશ ના વાદળોમાં,
એ નાદાની ના જંગલો માં.
જવું છે,
એ અંતર મનના ઊંડાણ માં,
એ સમજદારી ના શિખર પર.
કદાચ.....
હું પહોંચી ગઈ છું બધે જ..
પણ આતો એવું છે ને,
✨ "જાણ્યું છતાં અજાણ્યું" ✨
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।।श्री।।
चराचरातील कणाकणामधे
अगाध लीला तुझी पाहतो
दिव्य तुझ्या त्या दृश्य रुपाला
'निसर्ग' ऐसे नाव लावतो !!
कृष्णार्पण❤️-
मेरी जिंदगी से कम नहीं भारत तेरी भी किस्मत
कभी अंपन तो कभी धरती में कंपन ।
कभी कोरोना तो कभी राजनीति का रोना।
अब आया है तूफान करने जान निसर्ग लगा ना
दे ये भी कहीं ज़िंदगियों पर विसर्ग।
कभी टिड्डिओं की आहट तो कभी चीन पाकिस्तान
की बौखलाहट सब ज़िन्दगी के रंग सह रहा हूं। सुजीत
मैं भारत हूं अभी भी सब मोर्चों पर जंग लड़ रहा हूं।
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।।श्री।।
शिशिराच्या काटेरी गारव्याने,निसर्गही कणकण शहारला...
पानाफुलांवर..तनामनावर, दवबिंदूंचा सडा पसरला!
पानगळतीच्या वेदनेलाही, क्षणभंगूरतेचा अर्थ उमगला...
नश्वर देहाच्या पूर्णत्वाला, सौंदर्याचा स्पर्श गवसला!
कृष्णार्पण-
सुर्य प्रकाश देताना
ढग पाऊस देताना
धरती पनाह देताना
वृक्ष प्राणवायू देताना
कोणाची जात विचारतात का??
प्रकृति शोधत असते भेदरहीत व्यक्ति
जो जात नाही जीवन वाटेल...💝-