Thukrana hi tha toh apnaya kyu...!!!
Tumhe humse mohabbat nahi
thi koi baat nahi...!!!
Par meri mohabbat ko jhutlaya kyu...!!!
Rulana hi tha toh hasaya kyu...!!!
Jaan chahiye thi maang lete
Hum haste haste de dete...!!!
Apne jhute pyaar mein fasaya kyu...!!!-
तुम्हें खुशियां दे सकूं इस मतलबी दौर में
वो ही बहुत है
तुझसे बेवफाई ना करूं उस दौर में
वो ही बहुत है
बदल जा रहे हैं खून के रिश्ते भी इस दौर में
जिस रिश्ते को हमने बनाया है वो निभा सकूं
"वो ही बहुत है"
दिल कभी टूटे ना तेरा , आंखों में ना आंशू हो
गर इतना है निभा लूं तो
"वो ही बहुत है".....
वैसे तो ख्वाब बहुत ढेर सारे हैं
पर तेरे संग ज़िन्दगी बिता लूं
"वो ही बहुत है"-
प्यार किसी से करना आसान है।
पर प्यार को समझना और निभाना बहुत मुश्किल है ।-
ज़िन्दगी में एक नए रिश्ते के पाँच पहलू
देखना....
जानना....
चाहना...
पाना.....
ये चार पहलू बहुत ही आसान है
मगर सबसे महत्वपूर्ण पहलू है
* निभाना *
-
हम रिश्तों को ज्यादा अहमियत नहीं देते , इसका मतलब यह नहीं कि हमे रिश्ते निभाने नहीं आते ।
-
जताए नहीं जाते...
निभाए जाते हैं..
इज्ज़त से,
मुहब्बत से,
खामोशी से..
और हां..
कभी कभी
बर्दास्त करके भी...!!-
आँखे खोलूँ तो तेरा दिदार् हो जाए।
बिन कहे मेरे दिल का हाल समझ जाए ।
कुछ ऐसा रिश्ता हो हमारा ।
जो जन्मओ जन्म तक साथ निभा जाए ।
Good morning-
तुझसे प्यार का जो रिश्ता जोड़ा था,
वो रिश्ता सारी उम्र निभाते रहेंगे हम ,
💏
तुझसे प्यार करेंगे खमोशी से इतनी ,
कि तुझे खबर तक ना होने देंगे हम ,
😘
बेशक तू दूर है बेहद आज मुझसे ,
इन दूरियो से भी इश्क़ करते रहेंगे हम ,
💔
यूँ तोड़ देने भर से नहीं टूट जाते रिश्ते ,
ये सारी दुनिया को दिखा देंगे हम..!!!!
💞-
Aap tho mujhe paraaya hi samjho,
Lekin mujhe tho, isme bhi rishtha dikh
raha hai,
Aajkal ke zamaane mein, jitne bhi dekho,
Andikha cheez hi, zyaada bikraha hai,
Mein bikaav nahin, par har rishthey
nibhaatha aaya hoon,
Kuch rishthey door se, aur kuch nazdeek
se pehchaanta aaya hoon-
Rishtey
तोड़ने तो नही चाहिये,
लेकिन जहाँ कदर ना हो
वहाँ निभाने भी नही चाहिये!!!!-