कल तक जो हमसे नज़रे मिलाने में सर्माती थी ,
आज वो किसी और कि बाहों से लिपटी हैं...!!!-
"तेरा थोड़ा नजदीक आना
और शर्म के मारे नजरे नीचे
झुकाना मोहब्बत इसी को ही कहते हैं क्या"।-
देखें हैं नज़ारे बहोत से इन आँखों ने
तुम्हारे बाद ना कोई हसरत रही ना कुछ दिखाई दिया...-
नींद के सौदे होते अगर बाज़ारो मे,
तो सपने खरीद लेते लोग
कुछ ही पैसो के नज़ारो मे..!!
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Wo kehkashan gayi wo sitare chale gaye tum kya gaye shab ke nazare chale gaye aise hue gum ke sada-e-dil bhi na sun sake hum dasht-o-sehra me tumko pukare chale gaye
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नज़रों को नज़ारे कम से लगते हैं,
बहारों में फूल कम से लगते हैं,
आज याद किया है उन्होंने हमें,
इसलिए आसमान में ये सितारे कम से लगते हैं ।।
~Kartikeya-
नज़रे...........
जब नजरे उसे देखती है,
तो ये नज़रे भी शर्माती है।
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बस यूं ही नहीं वो मेरे प्यारे हुए है,
मेरी रात के अंधरों के वो सितारे हुए हैं,
उन संग बितें लम्हे हमारे नज़ारे हुए हैं,
कुछ इस तरह से वो हमारे हुए हैं ।।
-Kartikeya-
दिल की नज़र से देखो तो रानाई नज़ारों की कुछ कम नहीं
काँटों के साये तले गुलों के शादाब ए रंगत कुछ कम नहीं
तुम्हारी यादों में उनका दिन ढले चाहे न ढले
तुम्हारी आसमानी आंखों की चमक सितारों से कुछ कम नहीं-