अभी पथिक हूं शेरनी की दहाड़ बाकी है,
इस शांत बेला में विप्लव प्रहार बाकी है।
ऐ तो बस पगचिन्हो के अवशेष हैं, साहिल
अभी तो पग उठा है कि ,अभी तो पूरा
संसार बाकी है।
गर्मी में गर्म लोहे पर अभी प्रहार बाकी हैं।
यात्रा तो बहुत है पर बस अब रंध्र बकी हैं,
किसी का शौर्य गिरवी हैं ,
तो किसी की बेटी कुंवारी हैं।
वक्त पर सम्हाल लेना ये - ख़ुदा,
"दीवार मुझपर टिकी हैं" ईट की गलतफहमी का अभी भार बाकी है।
गुज़र जाएगा ये दौर भी"प्रिया"
जब ख़ुशी ना ठहर सकी, तो गम का कहा
अब गुरूर बाकी है ।
ज्यादा देर ना करना ये परवरदिगार ,
उस निस्सहाय वैश्या के जिगर के टुकड़े की अब बस आखरी चीख बाकी है।
।।।। बस आखरी चीख बाकी हैं।।।।-
याद है वो गाना भी
जो तुमने मेरे लिए गाया था
मैंने भी प्यार का नगमा
तुम्हारे लिए गुनगुनाया था
दिन वो बीता बहुत खुशनुमा था
दोनों ने साथ में एंकरिंग को चुना था
ये दिन ज़िन्दगी में बहुत खास हुआ
उस दिन की यादों ने सीधा दिल को छुआ
चलो धीरे धीरे बीतने लगा साल
मेरे मन में थे बहुत से सवाल
हां हां वही जो अभी पढ़ के
तुम्हारे मन में भी आए हैं
सच में उन सवालों ने मेरे बहुत आंसू बहाए हैं
पर मंजूर हुई सबको हमारी कहानी
वो सात सालों की मोहब्बत
हमें सात जन्मों तक है ले जानी
अब घर और ऑफिस दोनों मिल कर संभालते हैं
नवोदय का एक नया किस्सा
हर रोज हम खंगालते हैं-
कुछ नहीं बदला लेकिन हम
और अच्छे दोस्त बन गए
दिल नादान हुआ तुम्हारा 8th के बाद
9th से बदलने लगे थे तुम्हारे अंदाज़
बातें अब भी होती थी हमारी
पर नज़रे कुछ बदल रही थीं
वो जो मोहब्बत सालो से बसी थी सिर्फ मन में
वो धीरे धीरे बाहर निकल रही थी
जब भी बात होती तुम नज़रे झुका के मुस्कुराते थे
मुझे पता था लड़के तुम्हे मेरे नाम से चिढ़ाते थे
कुछ कुछ तो मुझे भी होता था
जब लड़के मेरे सामने तुम्हारा नाम चिल्लाते थे
दिल बच्चा था और हम कहां इतना जान पाते थे
दिल की बात पहली बार
तुमने10th में कहनी चाही थी
हाए वो बचपना दोस्तों ने कितनी की खिचाई थी
गुजरी जो फरवरी इकरार करा गई
11th की कहानी तैयार करा गई
वक्त 11th का सबसे यादगार हुआ-
उस साल ने सबसे ज्यादा दिल को छुआ
पढ़ने की ख़ास चिंता ना थी
पूरे स्कूल पर चलता 11 वालो का राज था
हम दोनों को ही अपने प्यार पर नाज़ था
दोनों स्कूल कैप्टन थे
तो स्कूल मीटिंग्स के बहाने
मिलना बेहिसाब होता था
कोई समझ भी नहीं पाता था
हमारा नज़रों से प्यार होता था
दिन बीते और चला गया वो भी साल
आ गया 12th करने को बेहाल
पढ़ाई तो जम के होती थी
पर हो जाती थी बात
वो टीचर्स डे वाला दिन कैसे ना हो याद
पूरे दिन की मस्ती और काम
दोस्तों ने जान कर लगा दिया
एक ही क्लास के रेमेडियल में दोनों का नाम-
तुम्हारी ही कहानी सुनाऊंगी
सुनोगे क्या
फिर से नवोदय की यादों में ले चलूंगी
चलोगे क्या
आओ चलूं तुम्हें तुम्हारे स्वर्ग की यादों में
वो पहला दिन था एडमिशन का
नया नया सा चेहरा था सबका
हम दोनों साथ में ही बैठे थे
दोनों अपने पापा से थोड़ा थोड़ा ऐठे थे
नहीं जाना है नवोदय पापा
यही जिद पकड़ के रखी थी
पर पापा के सामने किसकी चलनी थी
दोनों के दर्द एक जैसे थे
बात हुई तब पता चला
हमने भी सोचा चलो कोई हमसा तो मिला
पहले दिन तुमसे मिली तो पहले दोस्त भी तुम बने
दो साल तो ऐसे ही रोते गाते निकल गए-
नवोदया premkhani
कितना मुश्किल है ना यार
सब से छुपा कर अपनी वाली से बात करना
कोरिडोर में मुलाकात करना
मैम से नजर बचाकर
उसके झाड़ू नंबर का इंतजार करना
प्लानिंग हुई फेल तो
आंखों ही आंखों में इजहार करना
फिर हो जाए माइग्रेशन तो 1 वर्ष इंतजार करना
किताबों में छुपाकर लेटर पास करना
डाइनिंग हॉल में उसके आने का इंतजार करना
फिर 1 सप्ताह का इंतजार करना
उसके खुले बालों को देखने के लिए
इसे देखते ही देखते 7 सालों का गुजर जाना
और कभी पकड़े गए तो बीच में ही घर जाना
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मुमकिन नही चंद पंक्तियों में बया करना इन सात सालों में जिंदगी जी है.....
नवोदय,
जहाँ वास्तविक उदय हुआ था,
दोस्ती क्या चीज है,
मेरे लिए टीचर से जगड पड़ते थे,
और पूछते हुआ क्या था??
उन दिवालो को पूछना कितनी छलांगें
लगाई है गांव में जाने के लिए।
मेस की बात कहु तो,
एक थाली तीन लोग,
रोटी चुराना तो हमारा शौख था।
पिटी में सिक रहना,
हा और हमे मत पूछना क्रश क्या चीज है,
वो प्यारी डेरिमिल्क का जवाब आज भी सुना है।
और कुछ चीजे नवोदय में से ही मिलती है,
अब सब बात बता दु गधो,
कुछ राज़ को राज़ ही रहने दो,
हर नवोदय स्मशान पे ही होती है,
यह बात सबसे पहले बताई जाती है,
पर उस स्मशान में हमने जन्नत देखी है।
अभी बहुत है लेकिन
अंत मे अपनेपन का एहसास है।
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Saturday Wali रात 🌃,
Dosto ka साथ 🤝😍,
Hangama वाला माहौल 😜,
Kambal Pared के साथ,
Masti-khoro ka आतंक ,
Raat भर का जागरण,
Phir सुबह का चाय☕ और नाश्ता 🍱,
Teacher's ke bonus डांट के साथ,
Chhoti si मस्ती 🤪,
Dher-sari खुशी 😍☺️🤗,
Navodaya 🤞परिवार के सदस्यों की 👨👩👦👦👭,
यादें जीवन भर का साथी 🤝👬👨👦👦..!
# Hami Navodaya ❤️🤞 Ho ...-
और कभी - कभी तो चावल भी चुरा लेते थे 😂🙃🤪
शनिवार के रात बारह बजें छौंक लगाने के लिए 😜🥳!
और
फिर भुखरों की तरह एक 1⃣ हीं प्लेट में टूट पड़ते थे😂
और अंत में एक - दूसरे का छीन कर भाग जाते थे 😂🤪,
फिर क्या❓... 🤔🤔
जो अंत में बचा वो बेचारा प्लेट साफ़ करें 😜🤣😇🥳!
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