🖊️धर्म का व्यवसायीकरण और शिक्षा पर लगा प्रश्न चिन्ह !✍️
👇READ IN CAPTION 👇-
प्रेम में
विरह की वेदना लिए
प्रेमी ने
दिखाया नहीं दुख
किसी के समक्ष
आंसुओं को सुखाकर
हृदय को पत्थर कर
कुछ ने चुना
वैराग्य
और कुछ ने चुना
कवि हो जाना
वैरागी ने दिखाया
अपना दुख
पर्वतों और नदियों को
और ढूंढा ईश्वर को
और कवि ने लिखा
अपना दुख
सुबह शाम
और कलम के साथ
तोड़ दिया
वो विश्वास भी
जहां प्रेमिका के प्रेम को
मान बैठा था वह ईश्वर
और अंततः
एक प्रेमी भक्त बना
एक प्रेमी नास्तिक-
ज़िन्दगी की चादर में समेट लू खुद को,
या पैर ज़रा तकसिरो तक फेला लिए जाए..!
कैद रहु दुनिया के अपने ही रीति रिवाजों में,
या नास्तिक बन जातक से कुछ ज्ञान लिए जाए..!
सबूत दु सबको ही अपने बेगुनाह होने का,
या मुनासिब होगा हर रिश्ते वो तोड लिए जाए..!
करू सबके ही दिल की ये भी तो मुनकिन नही,
या अपना ही रुख तकदीरों से अब मोड़ लिया जाए..!-
Shart lagi h mere aur unke bich baas dena ye hai ki jeetta Kon h
-
विचारो को पढ़कर
बदलाव नहीं आता है,
विचारो पर चलकर ही
बदलाव आता है...।
-
वैसे तो मैं नास्तिक हूँ
पर तेरी तमन्ना लिये हर जगह माथा टेकता हूँ-
भारत मे जिस दिन पब्लिक तथाकथित मीड़िया को जूता मारना चालू किया समझो 90% मुर्खता खत्म हो गई।👍
-