Hamesha khushiyaan hi kyun naraz hoti hai.
Mere Ghamo ke itne nakhre kyunn nhi hote...-
मैं गरीब था , स्वाभिमान ना छोड़ सका ,
वो शहजादी थी मनमानियां ना छोड़ सकी।-
हो कर गुस्सा तुमसे मैं अपना खून जलाती हूँ!
औऱ तुमको लगता है मैं नख़रे बहुत दिखाती हूँ !!-
Dear Zindgi..🤗🤗
तेरे नखरे भी,
मुझपर ,
गजब ढाते हैं ,
एक दिन हँसाकर,
मुझे,
महीनों तक,
रुलाते हैं..!!!!-
Aaj usne mujhse tang aakr puch hi dala
Ki tum itne nakre kyu karti ho
Maine bhi bade pyar se kaha
Suna ho jo asani se mil jaae
uski kadar nahi hoti
-
मेरे बस की बात नहीं किसी के नखरे बर्दाश्त करना
रहना है तो साथ रहे वरना औकात में रहे-
Wo kya khaak nakhre
uthayenge apne yaar ke
jo kharche nahi utha sakte
apne Maa Baap ke..!!-
पता नहीं क्यू' वह इतना नख़रे दिखाती हैं,
ग़लती उसकी हो' फिर भी माफ़ी मुझसे मंगवाती हैं...!!-
बेक़दर ...बिखरे हुए है अब ... हर जगह
आ जाओ तुम...समेट लाओ ..नख़रे मेरे
🍷
( हाली )-