मतलब के रिश्ते
भाग दौर वाली राह में, अपनों की क्या खोज खबर
जब तक हो सब कुछ बढ़िया, दूसरों की क्या जरुरत
मगर जिंदगी तो है उगते डूबते सूरज की तरह
आज है खुशियों तो कल परेशानी, तब कही जाके हमें याद आती है रिस्तेदारी
मगर भागम भाग में इतने हम खो है जाते
अनजाने बहुत रिश्ते टूट से है जाते
रिश्ते तो प्यार, विश्वास, नजदीकियों से है बनते
ना की बस जरुरत के वक़्त याद आये वो है रिश्ते
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जो कुछ हुआ हमारे साथ वो बुरा तो नहीं है,
इश्क हुआ था हमें वो फरेब तो नहीं है।
आकर गलियों में मिलते थे हम अनजान बनकर,
किस्से हमारे नज़दीकियों के कम तो नहीं हैं।
-rajdhar dubey-
ये मोहब्बत भी बड़ी अजीब है मेरे यारा ,💞
ज्यादा नजदीकिया भी जायज नहीं होती ,👈
और ज्यादा फ़ासले भी जायज नहीं होते..!!!! 😌-
ज्यादा दूर नही है उनके घर से मेरा घर,
पर रास्ते मे एक जमाना पड़ता है।-
मेरे शहर आकर
मेरी नजर से छुपकर
गुजर जाओगी मगर,
मेरे ख्याल से बचकर
जाओगी किधर....-
Dooriyan mein bhi tum mere pass ho
Najdikiya tumse kuch khass hai
Fasla kabhi jana hi nhai mene
Awaaz tumari bohat Kareeb se sunayi deti
Sach pucho toh tum me koi alag hi baat hai......-
इन दूरियो ने ही बताया है कि नजदीकियाँ कितनी खास होती हैं,
अहमियत इनकी समझ आती है जब सिर्फ़ तन्हाई हमारे पास होती है..!!!-
ये Lockdown है जनाब ,
अपने-अपनो से इसमें नजदीकिया बेहिसाब हो गई,😊
लेकिन....😌😌
दो दिलो की मोहब्बतो में दूरियाँ भी लाजबाव हो गई..!!!!💞
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मैंने ख्वाबों को हक़ीक़त से मिलते देखा हैं
कल बड़े दिनों बाद उसे नज़दीक से देखा हैं-