हमारी प्यारी हिंदी
सबसे न्यारी हिंदी
हिंदुस्तानियों की शान है
अब हर देश करता,
हाथ जोड़कर🙏 प्रणाम है
कोरोना का चारों ओर कोहराम है
हाथ मिलाकर"Hii hello" छोड़
अब दुनिया हाथ जोड़कर🙏 करती
एक-दूसरे को प्रणाम है
यही हिंदुस्तानियों की शान है
अब दुनिया कहती है " हिंदुस्तान की संस्कृति" सबसे महान है
और हिंदी भाषा इसकी "शान" है।।
अब तो दूसरी भाषाओ को छोड़
हिंदी भाषा को अपनाओ
हर काम हिंदी भाषा में करो और करवाओ
🙏🙏🙏🙏
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Har khushi Apana Daman Chhudane Lgi Hai.
Zindagi Ab To Dil ko Stane Lgi Hai..
Aaisa lgta hai jina dushvar ho jayega..
Aur Dard had ke par ho Jayega....
Kyo Milate Hai Dard Unko Jo kushi ki Chah kare.
Aur milati hai khush unko jo Aouro ki na Parwah karte..
Aaisa Lgta hai ki Meri Sase Teri Saso se Ab takrane Lgi Hai..
Dard Badhata hi Ja Rha Hai Aur Zindagi Satane Lgi Hai..
Zindagi Aandhi Me Ujad Si Gyi Hai.
Har kushi Mujhse Bichhad Si Gyi Hai...
Mout Hai Ki Wo Bhi Mujhse Katrane Lgi Hai.
Dard Badhata Hi Ja Rha Aur Zindagi Satane Lgi Hai...-
रुक्मिणी की जगह राधा को स्थान ना मिला
फिर भी दुनिया में राधा को कृष्ण का नाम मिला...
दूसरों के संग कितना भी रास रचाये
फिर भी कृष्ण के दिल में राधा ही छायी
राधा कभी बन ना सकी जिसकी
फिर भी जन्म जन्मांतर है उसकी
राधा को कृष्ण का नाम मिला...
माना की प्रेम बिछड़ गया उनका
फिर भी प्रेम का सर्वश्रेष्ठ आदर्श बन गया
......... राधा को कृष्ण का नाम मिला।
दोनों का मिलन तो सिर्फ एक बहाना था
क्योंकि दुनिया को प्रेम का सही मतलब दिखाना था ................
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शीर्षक: "तुम बिन" हुँ मैं अधुरा ।
तेरा यूँ चुप हो जाना सबसे ज्यादा दर्दनाक है।
क्या यही मेरे प्यार का हिसाब है।
अरे कुछ तो बोल, ऐसे चुप मत बैठ,
मैं क्या समझूँ ये खामोशी, क्या वक्त भी नही मेरे साथ है ......।।
जाने कब से आस लगाये बैठा हूं की हाँ आज बात होगी,
और खुदा से फिर गुजारिश करता हूँ की कल बरसात होगी।
उस बरसात में आंसूं तो तेरे भी होंगे,
बस मुझे जो भीगा दें तो नमकीन सारे फैसलें होंगे .......।।
तेरा यूँ लेट नाईट तक ऑनलाइन बैठे रहना बहुत तड़पाता है ।
क्या मिल गया कोई जो मेरी तरह लोरी सुनाकर तुझे सुलाता है...?
चल मान लिया नींद तुझे अगर आ भी जाए,
कभी हाल-ए-दिल तो पूछ, हर नींद में मेरी तुझे पाने की आरज़ू , अ-खुद क़ुबूल हो जाए .........।।
और फिर सुबह जो होती है, उठता हूँ कुछ यूँ तन्हा मैं अकेला,
जैसे मानो काटी हो पूरी रात सर्द में बिना लिबाज़ के एक सड़क के किनारे अ-अलबेला।
और फिर वही उठना, संवरना और शीशे में अपने आपको फिरसे देखना अधूरा,
आजा ना वापस करने मुझको पूरा .........।।
"तुम बिन" हुँ मैं अधूरा,
करदे मुझको पूरा।
"तुम बिन" हूँ मैं अधूरा ।।-
पिंजरे में कैदी पंछी
पहचान अपनी खो रहा,
बंधनों से मुक्ति चाहता
मन ही मन हैं रो रहा।
मजबूरी ये पंछी की
जबरन बंदिशे सहना,
जन्मा है सुंदर पंखों में
और पड़ता कैद रहना।
खुश नहीं वो इसमें
हर तरफ से गया घेरा,
खुद बना लेगा वो घर
प्रकृति में ही है बसेरा।
कई बार देखा पिंजरे से ही
बाहर पक्षियों का झुण्ड जाता,
काबिल है वो भी उड़ जाने के
काश संग में उड़ पाता।।
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डर
थी यह मेरी सबसे बड़ी डर,
कहती थी कभी-कभी ये मत कर वो मत कर,
न करने के पीछे रहती थी एक वजह
सोचती थी कभी-कभी,
क्या सफल हो पाऊँगी उस जगह।
जब थी छोटी तब था एक डर,
कभी पापा की डांट का डर,
तो कभी मम्मी की मार का डर।
पर उस वक़्त मैं समझ न पाई,
इसी में थी मेरी सबसे बड़ी भलाई।
जब हुई थोड़ी बड़ी तब हुआ एक और डर का जन्म
कभी शिक्षकों का डर तो कभी नये दोस्तों का डर,
कभी फेल होने का डर तो कभी पास होने का डर।
थी यह मेरी सबसे बड़ी भूल की,
समझ न पाई इस डर को,
इस डर की वजह से बनी हूँ इस काबिल की
मैं बाँटनी चाहती हूँ अपनी खुशियाँ सभी को।
है यह एक कड़वी सच की
डर हमें जिंदगी में झुकना नही बल्कि उठना सिखाती है
अगर डर न हो तो सब करेंगे अपनी मनमानी
तब बच्चों पर से उठ जायेगा माता-पीता का हाथ
और माँ-बाप रहते हुए भी वे बन जायेंगे अनाथ।-