कल रात एक महाशय का call आया, casual बातों के बाद वो सुशांत सिंह की खुदकुशी पे ज्ञान बघारने लगें।
और तो और हमें ज्ञान देने के बाद उनने अपने whatsapp, Facebook और instagram में status डाले की अगर कोई परेशान हैं तो उनसे बात करें , उन्हें अपना हमदर्द समझे!
वैसे ये वही लोग हैं जो दिल टूटने पर मरने की बातें किया करते थे कभी
फिर हम call किये और पूछा.... बबुआ तुम कभी अपनी अम्मा से पूछे हो कि वो ठीक है या नहीं?
कभी अपने पापा से पुछा है कि इतने खतरे के बीच वो अपनी job पर कैसे जाते हैं।
अपनी बहिन से पूछा है कि उसे मरने का ख्याल तो नहीं आया था जब तुमने ही उसका ब्रेकअप कराया था।
तब तो उसे समझाने के बजाय थप्पड़ जडे थे तुमने.... माफी मांगी कभी उससे?
समझाया कभी उसके सर पे हाथ रखके?
अब उनका ज्ञान काम नहीं कर रहा था, चुप्पेचाप सुन रहे थे।
तो भईया पहले अपने घर का ख्याल रक्खो और घरवालों का ख्याल रक्खो, और इतने विश्वासी बनो की तुम्हे जानने वाले भी तुम्हें बेझिझक अपना दुख दर्द बता सके।
ये status डालने से कुछ नहीं होने वाला...
और ये ज्ञान बघारना बंद करो plzzzz
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