बहुत कम बार ऐसा होता है कि किसी एक काम के हो जानें से ऐसा लगता है मानो सारे यज्ञ पूरे हो गए हो.... जैसे सारी प्रार्थनाएं एक साथ कबूल कर ली गई हो.... तब शब्द मौन और आंखे नम होने लगती है और फिर एक गहरी सांस के साथ एक ही बात ह्रदय बार बार बोलता है...... धन्यवाद मेरे ईश्वर
कभी-कभी जब बहुत याद आती हैं तुम्हारी...... लगता है कि तुम्हें पास होना चाहिए था मेरे.....सब होते हुए भी अधूरा सा लगता है.... लगता है कुछ छूट रहा हैं मुझसे...... चिड़ने लगती हूं छोटी छोटी सी बातों पर और उलझ पड़ती हूं तुमसे ही पता है क्यूं? क्योंकि बहुत याद आती है तुम्हारी ♥️
सुनो, मैं तुम्हें अधिक देर रिझा नहीं पाऊँगी क्योंकि मेरे पास शब्द हैं...सौन्दर्य नहीं और तुम्हारे पास सौन्दर्य को अनवरत निहारने की लगन, मेरे शब्दों को सुनने का धैर्य नहीं....
मेरी हंसी,मेरी सरलता,मेरी सहजता, मेरी कमजोरी कतई नहीं है.....मैं जवाब नहीं देती क्यूँकी मैं जरूरी ही नहीं समझती तुम जैसों को समझाना मैं मौन चुनती हूं क्यूँकी मुझे शब्द जाया नहीं करने तुम पर......मैं दोष भी नहीं देती तुम्हें क्यूँकी मैं जानती हूं तुम्हारें शब्द तुम्हारी तालीम तुम्हारी परवरिश के परिचायक है....बस सहानुभूति है तुम्हारे लिए ईश्वर सद्बुद्धि दे तुम्हें 🙏
कभी कभी किसी अनजान की बिना कुछ जाने,बिना कुछ सोचे समझे मदद कर देनी चाहिए...आपकी छोटी सी मदद किसी के लिए बहुत बड़ी हो सकती है.. और आपको ढेरों दुआएँ मिलेगी....सो अलग!
तुम समझते हो मुझे गलत तो समझते रहो......तुम्हारे गलत समझे जाने से मुझे जरा भी फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मेरा रब जानता है कि मेरा ईमान कितना पक्का है....मेरी नियत कितनी साफ़ है....मेरा दिल कितनी दुआओं से भरा हुआ है! तो मेरी जान, अगर मुझे पीछे छोड़ना है तो अपनी नियत साफ़ रखो दुआ के बदले ही दुआ मिलती है!!